देहरादून: गर्मियां शुरू हो गई हैं। ऐसे में डेंगू और चिकनगुनिया का खतरा बढ़ गया है। इनसे बचने को लोगों को अपने स्तर से सावधानी बरतनी होगी।साथ ही इसकी रोकथाम के लिए उत्तराखंड सरकार ने सभी विभागों को आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य सचिव डा. आर राजेश कुमार ने एडवाइजरी जारी कर दी है।
उत्तराखंड के मैदानी क्षेत्रों में जून से अक्टूबर के बीच डेंगू व चिकनगुनिया का संक्रमण देखा जाता है। पिछले साल प्रदेश में डेंगू के कारण मरीजों का आंकड़ा चार हजार से अधिक रहा था। डेंगू के कारण 17 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी।
एडवाइजरी में सभी डीएम और सीएमओ से ब्लाक स्तर पर माइक्रो प्लान तैयार करने को कहा गया है। ताकि छोटे स्तर पर ही मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए कार्य किया जा सके। इसके साथ ही सभी निकायों को स्वच्छता और इससे जुड़े कार्यों को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए गए हैं। कहा है कि नगर निगम, नगर पालिका एवं नगर पंचायत क्षेत्र में ऐसे क्षेत्रों को चिन्हित किया जाए जहां मच्छर पनपने का खतरा रहता है। इसके अतिरिक्त सीमांत उप नगरीय व ग्रामीण क्षेत्रों में डेंगू एवं चिकनगुनिया निरोधात्मक गतिविधियों जैसे सोर्स रिडक्शन, फागिंग, प्रचार-प्रसार आदि के भी निर्देश उन्होंने दिए हैं। कहा है कि राज्य मुख्यालय पर इंटीग्रेटेड हेल्पलाइन क्रियाशील है। इसी प्रकार जनपद स्तर पर भी डेंगू के संक्रमण काल के दौरान कंट्रोल रूप स्थापित किया जाए। ताकि जनमानस को डेंगू संबंधित जागरुकता एवं समुचित जानकारी प्रदान की जा सके।
अस्पतालों में बनेंगे आइसोलेशन वार्ड :
बीमारी फैलने की हालत में मरीजों के इलाज के लिए सभी अस्पतालों को तैयार रहने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड बनाने, मरीजों के लिए पहले ही बेड आरक्षित करने, दवा, स्टाफ आदि का पर्याप्त इंतजाम रखने के निर्देश दिए गए हैं। अस्पताल परिसर में सफाई की भी समुचित व्यवस्था करने को कहा है। अस्पतालों में डेंगू जांच किट और मरीजों के लिए प्लेटलेट्स की उपलब्धता भी सुनिश्चित करने को कहा है। प्रथम चरण में फीवर सर्वे व लक्षणों के आधार पर व्यक्ति की जांच के भी निर्देश दिए हैं। कहा है कि डेंगू एवं चिकनगुनिया रोगी पाए जाने की स्थिति में रोगी के घर के आसपास लगभग 50 घरों की परिधि में आवश्यक रूप से फोकल स्प्रे कराने के साथ-साथ जनपदीय आरआरटी क्षेत्र में सघन फीवर सर्विलांस एवं लार्वा निरोधात्मक कार्रवाई कराएं। दैनिक रिपोर्ट शाम चार बजे तक नियमित राज्य स्तर पर उपलब्ध कराई जाए। वहीं, लोगों से भी इन बीमारियों से सतर्क रहने की अपील की गई है।