देहरादून (26 जुलाई) : भाजपा ने कांग्रेस की यात्रा को औचित्यहीन बताते हुए गुट विशेष की दौड़ ठहराया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता व प्रदेश कार्यसमिति सदस्य जोत सिंह बिष्ट ने गुटबाजी को लेकर कांग्रेसी की दुखती रग पर हाथ रखते हुए तंज किया है कि माहरा अपनी अध्यक्ष की कुर्सी बचाने के लिए यात्रा में हैं और विरोधी उनको हटाने के लिए यात्रा से दूरी बनाए हैं। जबकि, सच्चाई यह है कि मुख्यमंत्री अपनी कैबिनेट के निर्णय से यात्रा के औचित्य पर पहले ही पूर्ण विराम लगा चुके हैं ।
उन्होंने आइना दिखाते हुए कहा, कांग्रेस की गुटबाजी जगजाहिर है, लेकिन अफसोस तब होता है जब वे अपनी कुर्सी की लड़ाई के लिए भगवान के नाम का उपयोग करते हैं । कांग्रेस की यह यात्रा एक गुट विशेष की यात्रा बनकर रह गई है, यह हरिद्वार से केदारनाथ तक की यात्रा से पूरी तरह से परिलक्षित हो रही है। सबने देखा है कि इस यात्रा में पहले दिन कांग्रेस के कई बड़े चेहरों जैसे प्रीतम सिंह, काजी निजामुदीन, विक्रम सिंह नेगी, सुरेंद्र सिंह नेगी जैसे नेताओं ने इसमें शामिल होने से परहेज किया है। कल तक अपना पोस्टर ब्यॉय बताने वाले पौड़ी लोकसभा प्रत्याशी गणेश गोदियाल भी यात्रा रूट पर नदारद हैं।
वहीं, गढ़वाल मंडल के कांग्रेस के बड़े नेता इस यात्रा में कहीं दिखाई नहीं दे रहे है। इससे साफ दिखाई दे रहा है कि यात्रा पर एक गुट विशेष का कब्जा है। दरअसल, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी हथियाने की लड़ाई लड़ चरम पर है, जिसमे माहरा अकेले पड़ गए हैं । यही वजह है कि वे और उनके राजनैतिक गुरु कांग्रेस पर अपना कब्जा बरकरार रखने के लिए केदारनाथ यात्रा पर निकले हैं । हकीकत यह है कि ये यात्रा केदारनाथ बचाने के लिए नहीं बल्कि अपने गुट को मजबूत दिखाकर दिल्ली से अपनी कुर्सी बचाने की यात्रा है। वहीं यात्रा मार्ग पर पड़ने वाली विधानसभा ऋषिकेश, नरेंद्रनगर, देवप्रयाग, श्रीनगर, रुद्रप्रयाग एवं केदारनाथ से जो लोग 2022 में चुनाव लड़े इन सब लोगों को इस यात्रा में दर्शक दीर्घा में धकेल दिया गया है । जिस वजह से कांग्रेस की दूसरी पांत के नेता आक्रोशित है और सही मौके की तलाश कर रहे हैं।
वहीं जिन मुद्दों को लेकर कारण महारा यात्रा निकाल रहे हैं उसका समाधान मुख्यमंत्री श्री पुष्कर धामी कर चुके हैं। लिहाजा उसके बाद ऐसी बिना मकसद की यात्रा का कोई औचित्य नहीं रह जाता था। लेकिन कांग्रेस नेताओं को न श्री केदारनाथ धाम की चिंता है और न ही इससे प्रभावित होने वाली चार धाम यात्रा की । वे सिर्फ और सिर्फ एक दूसरे से आगे निकलने के लिए यात्रा में दौड़ रहे हैं ।