शासनादेश के बावजूद अशासकीय विद्यालयों के शिक्षकों को नहीं मिल रहा राज्य स्वास्थ्य योजना का लाभ

देहरादून : अशासकीय माध्यमिक शिक्षक संघ उत्तराखंड का प्रतिनिधिमंडल बुधवार को माध्यमिक शिक्षा निदेशक , प्रारंभिक शिक्षा निदेशक एवँ उप निदेशक माध्यमिक शिक्षा से मिला तथा स्पष्ट शासनादेश होने के बावजूद भी अभी तक अशासकीय विद्यालयों के शिक्षक कर्मचारियों को राज्य स्वास्थ्य योजना (“गोल्डन कार्ड) का लाभ न दिए जाने पर रोष प्रकट किया गया ।

   वार्ता में निदेशक माध्यमिक एवँ प्रारंभिक शिक्षा द्वारा अवगत कराया गया कि जनपद हरिद्वार को छोड़कर सभी जनपदों से प्रस्ताव प्राप्त हो गए हैं जनपद हरिद्वार को पुनः एक पत्र प्रेषित किया गया है जिसमें जनपद हरिद्वार के द्वारा अभी तक प्रस्ताव न भेजे जाने के कारण चेतावनी देकर अविलम्ब प्रस्ताव उपलब्ध करवाने के लिए निर्देशित किया गया है ।

 वार्ता में प्रतिनिधिमंडल ने अवगत कराया कि वर्ष 2014 के बाद नियुक्त शिक्षक कर्मचारियों की सामूहिक वीमा कटौती नहीं की जा रही है जिस पर निदेशक द्वारा उप निदेशक माध्यमिक शिक्षा को कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया है उक्त मांगो से सम्बंधित पत्रों पर निदेशक द्वारा उप निदेशक को आदेश जारी करने के पश्चात प्रतिनिधिमंडल ने उप निदेशक से भी मुलाकात की तो उन्होंने आश्वस्त किया है कि वह इन प्रकरणों के निस्तारण हेतु अविलम्ब कार्यवाही करेंगे ।

     राजकीय शिक्षक कर्मचारियों की भांति अशासकीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक कर्मचारियों को भी पदोन्नति में शिथिलीकरण का लाभ प्रदान करने तथा डाउन ग्रेड प्रधानाचार्यों को पांच वर्षों के स्थान पर ढाई वर्ष में प्रधानाचार्य के पूर्ण स्केल प्रदान करने के सम्बंध में भी विस्तार से वार्ता हुई ।

 अशासकीय विद्यालयों के वेतन बजट जारी करने के सम्बंध में भी एक मांग पत्र वित्त सचिव एवँ वित्त नियंत्रक को दिया गया है जिसमे निर्वाचन ड्यूटी में जाने के लिए बेतन की आवश्यकता को भी इंगित किया गया।

   आज की वार्ता में अशासकीय माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रान्तीय अध्यक्ष श्री संजय बिजल्वाण , प्रान्तीय महामंत्री महादेव मैठाणी , प्रान्तीय मंत्री श्री कपूर सिंह पंवार , सरंक्षक आर सी शर्मा ,जिलाध्यक्ष देहरादून अनिल नौटियाल, ज़िला उपाध्यक्ष देहरादून श्री दिनेश डोबरियाल ,ज़िलामंत्री देहरादून श्री विजयपाल सिंह जगवाण ,गिरीश सेमवाल , योगेश मिश्रा , संजीव रावत आदि सम्मिलित थे।

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