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खुद को डीएम बताकर कई लोगों को नौकरी लगाने के नाम पर ठगा, मंगेतर को भी नहीं छोड़ा, गैंग बनाकर करते थे ठगी - मोनाल एक्सप्रेस

खुद को डीएम बताकर कई लोगों को नौकरी लगाने के नाम पर ठगा, मंगेतर को भी नहीं छोड़ा, गैंग बनाकर करते थे ठगी

पुलिस की गिरफ्त में आरोपी।
देहरादून: डीएम बताकर पड़ोस की युवती और अपनी मंगेतर के परिवार से लाखों की धोखाधड़ी करने वाले जालसाज को हरिद्वार की ज्वालापुर और रानीपुर कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। जबकि उसके साथी एक महिला और उसके बेटे सहित तीन को पुलिस ढूंढ रही है।

नगर पुलिस अधीक्षक स्वतंत्र कुमार सिंह के अनुसार, 21 सितंबर को खन्नानगर निवासी चेतना अरोड़ा ने इसी कॉलोनी में रहने वाले निहार कर्णवाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप लगाया कि निहार ने खुद को डीएम बताकर पहले पीडब्ल्यूडी में निरीक्षण अधिकारी और फिर एसडीएम के पद पर नौकरी लगवाने का झांसा देकर लाखों रुपए लिए।
बताया जा रहा है कि उसने खुद को उधमसिंहनगर का डीएम बताकर एसडीएम के पद पर नौकरी लगाने के नाम पर 70 लाख मांगे थे। फिर असमर्थता जताने पर उसने झांसा दिया। अपने साथी मैमकिला व निशांत कुमार गुप्ता व अन्य के साथ मिलकर चेतना के भाई का मकान 70 लाख में खरीदने के लिए कहा। 30 अगस्त को रजिस्ट्री ऑफिस में लिखा-पढ़ी कर मकान हड़प लिया। करीब 70 लाख की धोखाधड़ी होने पर जब पैसे वापस मांगे तो हत्या की धमकी दी। इस मामले की जांच रेल चौकी प्रभारी विकास रावत को सौंपी गई थी।

अभी मामले की जांच चल ही रही थी कि आरोपित की मंगेतर ने रानीपुर कोतवाली में शादी का झांसा देकर नौकरी लगवाने के नाम पर उसके माता-पिता से प्लॉट और फर्जी दस्तावेज बनाकर कार हड़पने के आरोप में उसके खिलाफ एक मुकदमा दर्ज कराया। साथ ही दिल्ली और नैनीताल के अलग-अलग होटल में ले जाकर दुष्कर्म का आरोप भी लगाया गया था।

एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार सिंह ने बताया कि आरोपी निहार कर्णवाल को ऋषिकुल तिराहे मुख्य हाईवे के पास से गिरफ्तार कर लिया। फरार आरोपित निशांत कुमार गुप्ता, निखिल बेनीवाल, मेमकिला की तलाश की जा रही है।

*गाड़ी, ड्राइवर और गनर लेकर चलता था आरोपी*
सीओ ज्वालापुर निहारिका सेमवाल ने बताया कि अपने आप को सरकारी कर्मचारी दिखाने के लिए उत्तराखंड सरकार की नेम प्लेट लगी हुई गाड़ी, ड्राइवर व गनर भी रखता था। निहार कर्णवाल, निशांत कुमार गुप्ता, निखिल बेनिवाल व उसकी मां के साथ मिलकर एक गिरोह के रूप में काम कर रहे थे। एक षडयंत्र के तहत बेरोजगार युवक-युवतियो को अपना निशाना बनाकर उनको सरकारी नौकरी का लालच देते हैं।

गाड़ी और गनर की व्यवस्था निशांत गुप्ता करता था। बेरोजगार को किसी उच्च सरकारी पद का प्रलोभन देकर उसकी जमीन को निखिल बेनिवाल जोकि एक प्रापर्टी डीलर है के माध्यम से उसके तथा उसके परिवार के नाम से गिफ्ट करवा देते थे। फिर इस प्रापर्टी को आगे किसी पार्टी को बेच देते थे। इसके अलावा ज्वेलर्स से किसी व्यक्ति का चेक लगवाकर सोना खरीद लेते और उस सोने को किसी दूसरे ज्वेलर्स को सस्ते दामों में बेचकर गायब हो जाते थे। पुलिस फिलहाल आरोपियों को तलाश रही है।

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