पैरालिसिस का अटैक पड़ने के बावजूद हिम्मत नहीं हारी, योग को बनाया सहारा, अब नेपाल में जीते जीते दो स्वर्ण पदक

    मयंक गिरी।

देहरादून : नेपाल की राजधानी काठमांडू में छह अक्टूबर से 10 अक्टूबर तक अंतरराष्ट्रीय योगासन प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें सीनियर वर्ग में ऋषिकेश के खदरी खड़कमाफ निवासी मयंक गिरी ने दो दो स्वर्ण पदक जीते हैं। मयंक गिरी वर्तमान में गुरुकुल कांगड़ी हरिद्वार में योग विज्ञान के छात्र हैं। मयंक के ये गोल्ड मेडल इसलिए अहम हैं। क्योंकि जब वह दसवीं कक्षा में थे, तब उन्हें पैरालिसिस का अटैक पड़ गया था। तब चिकित्सकों ने उन्हें योग करने की सलाह दी थी। इसके बाद मयंक योग में बिहतर करते चले गए। मयंक के पिता पवन गिरी उत्तराखंड पुलिस में हैं , मां सविता देवी गृहणी है। सभी योग प्रेमियों ने मयंक को बधाई दी है।

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