उत्तराखंड के प्रसिद्ध हास्य कलाकार और पूर्व दर्जाधारी घनानंद उर्फ घन्ना भाई का निधन कुछ दिन पहले गंभीर हालत में उन्हें देहरादून के श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में भर्ती कराया गया था देहरादून। उत्तराखंड के प्रसिद्ध हास्य कलाकार और पूर्व दर्जाधारी घनानंद उर्फ घन्ना भाई का आज मंगलवार को निधन हो गया है। कुछ दिन पहले गंभीर हालत में उन्हें देहरादून के श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां वह पिछले चार दिनों से वेंटिलेटर पर थे। यहां विशेषज्ञ डॉक्टर क्रिटिकल केयर यूनिट में उनकी निगरानी कर रहे थे। काफी प्रयास के बावजूद वह नहीं बच पाए। उनके निधन पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, राज्यपाल, मंत्रिमंडल, विभिन्न राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, पत्रकार संगठनों में उन्हें श्रद्धांजलि दी है। घनानंद उर्फ घन्ना भाई ने कई गढ़वाली फिल्मों और वीडियो एलबम में काम किया है। उन्हें हास्य कलाकार के रूप में जाना जाता है। वह पौड़ी जिले में गगवाड़स्यूं पट्टी के गगवाड़ा गांव के थे। 4 अगस्त 1953 को उनका जन्म हुआ था। उनकी शिका कैंट बोर्ड लैंसडाउन जिला पौड़ी से हुई। घन्ना को बचपन से अभिनय का शौक था। 1970 में उन्होंने रामलीलाओं में अभिनय कर शुरू किया। 1974 में घनानंद ने रेडियो और फिर बाद में दूरदर्शन पर कार्यक्रम दिए। उन्होंने कई फिल्मों में भी काम किया है। जिनमें घरजवें, चक्रचाल, बेटी-ब्वारी,जीतू बगडवाल, सतमंगल्या, ब्वारी हो त यनि प्रमुख है। इसके साथ ही उन्होंने कई हास्य नाटकों में दमदार अभिनय किया। जिनमें घन्ना भाई एमबीबीएस,घन्ना गिरगिट और यमराज एवं पोल्या बणी बोल्या प्रमुख है। उन्हें शानदार अभिनय के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित भी किया गया है। घन्ना भाई ने राजनीति में भी हाथ आजमाया था। वह भाजपा के टिकट पर 2012 में पौड़ी से विधानसभा चुनाव भी लड़े थे लेकिन जीत नहीं पाए थे। वह उत्तराखंड संस्कृति, साहित्य और कला परिषद के उपाध्यक्ष भी रहे हैं। मृदु भाषी, कुशल और सीधे व्यवहार के कारण लोग उन्हें बहुत पसंद करते थे।