शायद अब वो 19 साल का युवा नहीं कह पाएगा “विराट कोहली” मेरा फेवरेट क्रिकेटर !

-अपनी आधी उम्र के नवोदित खिलाड़ी का कंधा मार के मनोबल गिराना कहां तक सही है ?                                        -सैम कोंस्टास के फेवरेट क्रिकेटर हैं विराट कोहली, इंटरव्यू में स्टीव स्मिथ पर दे चुके हैं कोहली को तरजीह                          -समकालीन इंग्लैंड के जो रूट, न्यूजीलैंड के विलियमसन से सीख लेने की जरूरत                                                               देहरादून। कोहली भले सचिन से ज्यादा रन और शतक लगा लें, लेकिन वो कुछ चीजों में सचिन की बराबरी नहीं कर सकते हैं। वह है कुशल व्यवहार, विनम्रता, मैदान पर खेल भावना के मामले में। इन दिनों आस्ट्रेलिया बॉर्डर गावस्कर सीरीज चल रही है। मेलबर्न में खेले जा रहे चौथे टेस्ट मुकाबले में जो ग्राउंड पर हुआ वो नहीं होना चाहिए था। कई बार क्रिकेट में हल्के फुल्के हंसी मजाक, किसी बात पर एक दूसरे को छेड़ना ये सब आम बात है। नियमों के दायरे में रहकर सब माफ है, लेकिन जब कोई अनुभवी क्रिकेटर अपने से आधी उम्र के नवोदित खिलाड़ी को प्रोत्साहित करने के बजाए जानबूझ कर धक्का दे तो शायद यह बात किसी भी खेल प्रेमी को पसंद नहीं आएगी। 37 साल के विराट कोहली ने अपना डेब्यू मैच खेल रहे 19 साल के ऑस्ट्रेलियाई ओपनर सैम कोंस्टास को कंधे से जानबूझकर धक्का मारा और फिर बहस की। वीडियो में यह साफ नजर आ रहा है। यह वाकया ऑस्ट्रेलियाई पारी के 10वां ओवर कर खत्म होने के बाद हुआ। जब सैम कोंस्टास ओवर खत्म होने पर दूसरे छोर पर जा रहे थे तो कोहली तिरछा एंगल लेकर उनके पास आए तो कंधे से उन्हें धक्का मारा। इस पर सैम कोंस्टास ने भी रिएक्ट किया और फिर दोनों की बहस हो गई। हालांकि, सीनियर खिलाड़ियों और अंपायर के आने पर मामला रफा दफा हो जाता है। हाल में जब अंडर 19 विश्व कप हुआ था तो सैम कोंस्टास से इंटरव्यू में पूछा गया था तो उन्होंने अपने पसंदीदा क्रिकेटरों में विराट कोहली को सबसे ऊपर बताया था। इसमें कोई संदेह नहीं हैं कि विराट वर्तमान में दुनिया के सबसे सर्वेश्रेष्ठ क्रिकेटरों की सूची में शामिल हैं, लेकिन वर्तमान में वह अपनी फॉर्म से जूझ रहे हैं। उन्हें ऐसी हरकतें करने के बजाए अपनी फॉर्म में आने का रास्ता तलाशना चाहिए। वो कहते हैं न कि जब बुरा वक्त चलता है तो आपको गलत पंगे में नहीं पड़ना चाहिए। दूसरा आप खुद से आधी उम्र के लड़के से बिना वजह भिड़ रहे हो। आखिर क्या साबित करना चाहते हो। ऐसे में कोई नवोदित खिलाड़ी कैसे आपकी इज्जत करेगा और कैसे आपको अपना आदर्श मानेगा। आपके समकालीन इंग्लैंड के जो रूट, न्यूजीलैंड के विलियमसन हैं। कभी उन्हें इस तरह का व्यवहार करते हुए देखा है। शायद नहीं। सीनियर खिलाड़ी से सभी अच्छे व्यवहार की अपेक्षा करते हैं। कार्य क्षेत्र कोई भी हो, आप भले ही अपने काम में मास्टर हों, लेकिन आपका व्यवहार सबसे पहले देखा जाता है। सचिन, ब्रायन लारा, राहुल द्रविड़, सौरभ गांगुली जैसे क्रिकेटरों को क्यों लोग आज भी याद करते हैं। इसका यह भी बड़ा कारण है कि ये सभी अच्छे क्रिकेटर के साथ व्यवहार कुशल इंसान भी हैं। बहरहाल, आपने गलती स्वीकार की यह बड़ी बात है। शायद यही कारण है कि बहुत कम जुर्माना लगाया गया है। मैच रेफरी एंडी पाएक्रॉफ्ट ने 20% मैच फीस काटी है। साथ ही एक डी-मेरिट पॉइंट भी दिया है। यह जुर्माना मैदान पर खराब व्यवहार के लिए लगाया गया है।

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