देहरादूनः उत्तराखंड कैबिनेट की सोमवार को हुई बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए। बैठक में आठ प्रस्ताव आए।
उत्तराखंड लोक तथा निजी संपत्ति अध्यादेश 2024 पर मुहर: उत्तराखंड लोक एवं निजी संपत्ति क्षति वसूली एक्ट बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई।इस एक्ट के बनने से दंगाईयों व प्रदर्शनकारियों की ओर से सरकारी व निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर सख्त कार्रवाई और वसूली का प्रावधान किया जा रहा है। दंगे या आंदोलन में अगर नुकसान किया गया तो संबंधित पर कार्रवाई होगी। अध्यादेश लागू होने के लिए राजभवन भेजा जाएगा।
ट्रीप्रोटेक्शन एक्ट 1976 में संशोधन प्रस्ताव लाया गया।एक्ट में संशोधन से निजी भूमि पर उगे पेड़ों की कई प्रजातियों को वन अधिनियम से बाहर किया जाएगा। जिससे निजी भूमि पर पेड़ कटान के लिए वन विभाग से अनुमति नहीं लेनी पड़ेगी। कैबिनेट में शिक्षा, स्वास्थ्य, शहरी एवं आवास से संबंधित सेवा नियमावली व अन्य प्रस्तावों पर चर्चा हुई।
ये निर्णय भी लिए गए
एनआइटी सुमाड़ी के प्रथम चरण के निर्माण के लिए 5.335 एकड़ भूमि तकनीकी विभाग एनआईटी को देगा।
आवास- उत्तराखंड आवास नीति संशोधन नियमावली 2024। प्रति आवास इकाई का मूल्य छह लाख है। 3.50 लाख लाभार्थी वहन करते हैं। उन्हें अंशदान में कठिनाई हो रही है।लिहाजा, राज्यांश में बदलाव एक के बजाय 1.5 लाख और 50 हजार विअबलिटी गैप फंडिंग(वीजीएफ) सरकार देगी।
आवंटन की प्रक्रिया में अभी तक राजस्व, नगर निकाय व प्राधिकरण की संयुक्त टीम होती थी, लेकिन अब प्राधिकरण ही सत्यापन करेंगे। दूसरा, 6 लाख को 7 चरण में देते थे। 9 चरण में देंगे अब। 6 लाख की सीमा में ही बढ़ा है।
माध्यमिक शिक्षा – अशासकीय विद्यालयों में भर्ती की रोक हटी। उच्च शिक्षा में भर्ती की जो समिति बनी है, वही माध्यमिक विद्यालयों में भी भर्ती करेगी। समिति ही तय करेगी कैसे हो भर्ती।
उत्तराखंड भूतत्त्व एवं खनिकर्म विभाग के दो अधिकारियों के पदनाम में संशोधन।
चार जिलों में देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल और उधमसिंह नगर के फैमिली कोर्ट्स में चाइल्ड और जनरल काउंसेलर का एक-एक पद होगा। हाईकोर्ट के आदेश पर।