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अशासकीय शिक्षकों की पुरानी पेंशन, विनियमितीकरण और मानदेय वृद्धि पर तेज हुई मांग - मोनाल एक्सप्रेस

अशासकीय शिक्षकों की पुरानी पेंशन, विनियमितीकरण और मानदेय वृद्धि पर तेज हुई मांग

प्रांतीय कार्यकारिणी की ऑनलाइन बैठक में शिक्षकों की समस्याओं पर हुआ मंथन
देहरादून। अशासकीय माध्यमिक शिक्षक संघ उत्तराखंड की प्रांतीय कार्यकारिणी की एक महत्वपूर्ण ऑनलाइन बैठक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष श्री संजय बिजल्वाण की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में प्रदेशभर के अशासकीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक एवं कर्मचारियों से जुड़ी विभिन्न लंबित समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की गई।

बैठक को संबोधित करते हुए प्रांतीय संरक्षक श्री प्रदीप डबराल एवं श्री सी.एम. सेमवाल ने कहा कि संघ के गठन के बाद से अशासकीय विद्यालयों के शिक्षक-कर्मचारियों की समस्याओं के निस्तारण में तेजी आई है। उन्होंने कहा कि पूर्व में शिक्षक कर्मचारियों की मांगें प्रभावी ढंग से नहीं उठाई जा रही थीं, जिसके कारण अनेक समस्याएं वर्षों से लंबित थीं। अब सरकार और विभाग इन पर गंभीरता से कार्य कर रहे हैं। उन्होंने सभी शिक्षकों से संगठन को मजबूत करने के लिए अधिक से अधिक सदस्यता ग्रहण करने का आह्वान किया।

प्रांतीय अध्यक्ष श्री संजय बिजल्वाण एवं प्रांतीय महामंत्री श्री महादेव मैठाणी ने कहा कि संघ के सतत प्रयासों का ही परिणाम है कि अशासकीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक-कर्मचारियों को राज्य स्वास्थ्य योजना (गोल्डन कार्ड) का लाभ मिलना प्रारंभ हुआ है। उन्होंने बताया कि 01 अक्टूबर 2005 से पूर्व विज्ञप्ति से नियुक्त शिक्षकों को राजकीय शिक्षकों की भांति पुरानी पेंशन योजना से आच्छादित किए जाने संबंधी प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है, जिस पर शीघ्र कार्यवाही की उम्मीद है। इससे पीटीए, तदर्थ एवं वित्तविहीन सेवा कर चुके शिक्षक-कर्मचारियों को भी लाभ मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि संघ का प्रांतीय सम्मेलन शीघ्र आयोजित किया जाएगा।

कुमाऊं मंडल अध्यक्ष श्री विशन सिंह मेहता ने सभी जनपदों में सदस्यता अभियान तेज करने पर जोर देते हुए कहा कि संगठन ही शिक्षकों की वास्तविक शक्ति है। वहीं गढ़वाल मंडल मंत्री श्री बाल मनोज रावत ने तदर्थ शिक्षकों के विनियमितीकरण, पीटीए शिक्षकों के मानदेय में वृद्धि तथा मानदेय से वंचित पीटीए शिक्षकों को तत्काल मानदेय दायरे में लाने की मांग की।

देहरादून जनपद से जिलाध्यक्ष श्री अनिल नौटियाल एवं जिला मंत्री श्री विजयपाल सिंह जगवाण ने संघ के कार्यों की सराहना करते हुए प्रांतीय सम्मेलन में पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।

अल्मोड़ा जिलाध्यक्ष श्री हीरा सिंह मेहरा ने बताया कि जनपद के लगभग 95 प्रतिशत विद्यालयों की इस वर्ष की सदस्यता जमा हो चुकी है। उन्होंने जूनियर हाईस्कूल से एलटी में समायोजित शिक्षकों को डाउनग्रेड प्रधानाध्यापक एवं प्रधानाचार्य पदों पर पदोन्नति न मिलने पर रोष जताया तथा तदर्थ सेवा के बाद सेवानिवृत्त शिक्षकों के पेंशन प्रकरणों में देरी पर नाराजगी व्यक्त की।

चमोली जिला मंत्री श्री दीप चंद्र सती ने कहा कि जहां भी प्रांतीय सम्मेलन आयोजित होगा, चमोली पूर्ण सहयोग देगा। उन्होंने पहाड़ी क्षेत्रों में छात्र संख्या घटने से बंद हो रहे विद्यालयों पर चिंता जताते हुए शिक्षकों के समायोजन एवं विद्यालयों के प्रांतीयकरण की मांग रखी।

रुद्रप्रयाग जिलाध्यक्ष श्री बलवीर सिंह रौथाण एवं जिला मंत्री श्री वीरेंद्र सिंह बर्तवाल ने जूनियर हाईस्कूलों के वित्तविहीन शिक्षकों की सेवाओं को जोड़कर जीपीएफ कटौती किए जाने, पीटीए शिक्षकों को मानदेय श्रेणी में शामिल करने तथा इस विषय पर सचिव शिक्षा से वार्ता का प्रस्ताव रखा।

पौड़ी गढ़वाल जिलाध्यक्ष श्री देवेंद्र कुमार एवं जिला मंत्री श्री मुकेश सारंग ने संगठन की प्रगति की जानकारी देते हुए सदस्यता बढ़ाने का भरोसा जताया। उन्होंने प्रांतीय सम्मेलन अवकाश के दौरान न कराए जाने तथा पौड़ी गढ़वाल में पूर्णकालिक सीईओ की नियुक्ति की मांग भी रखी।

टिहरी गढ़वाल जिला मंत्री श्री शिव सिंह रावत ने तदर्थ शिक्षकों के विनियमितीकरण, तदर्थ एवं वित्तविहीन सेवाओं को पुरानी पेंशन योजना में जोड़ने, पीटीए शिक्षकों के मानदेय में वृद्धि तथा सभी को मानदेय दिए जाने की मांग दोहराई।

बैठक में प्रांतीय मंत्री श्री कपूर सिंह पंवार, जिला संरक्षक श्री आर.सी. शर्मा, जिला उपाध्यक्ष श्री दिनेश डोबरियाल, जिलाध्यक्ष चमोली श्री नरेंद्र सिंह रावत, श्री धनंजय उनियाल, श्री हरीश उप्रेती, संयुक्त मंत्री श्री गिरीश सेमवाल सहित अनेक शिक्षक उपस्थित रहे।

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