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देहरादून में खुलेगा उत्तराखंड का पहला सरकारी नशा मुक्ति केंद्र - मोनाल एक्सप्रेस

देहरादून में खुलेगा उत्तराखंड का पहला सरकारी नशा मुक्ति केंद्र 

देहरादून रायवाला में संचालित होगा राज्य व जिले का प्रथम ‘नशा मुक्ति पुनर्वास केंद्र’

सीएम की प्रेरणा, नशा मुक्ति केंद्र के लिए डीएम ने स्वीकृत किए 57.04 लाख

30 बिस्तरयुक्त नशा मुक्ति केंद्र संचालन के लिए प्रशासन करेगा अनुभवी एनजीओ का चयन

डिस्ट्रिक्ट डी-एडिक्शन सेंटरः नशा मुक्ति के लिए जिला प्रशासन का एक्शन प्लान तैयार

देहरादून। मुख्यमंत्री के ‘‘नशा मुक्त उत्तराखंड’’ संकल्प के तहत नशे के आदी व्यक्तियों को इसकी गिरफ्त से बाहर निकालने के लिए देहरादून में जल्द राजकीय नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र का संचालन शुरू किया जाएगा। जिलाधिकारी सविन बंसल ने नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र संचालन हेतु 57.04 लाख बजट की स्वीकृति प्रदान कर दी है। राज्य व जिले में अभी तक कोई भी सरकारी नशा मुक्ति केंद्र नही है। सीएम की प्रेरणा से डीएम के प्रयासों से राज्य व जिले में पहली बार इसका संचालन शुरू किया जा रहा है।

सीएम की प्रेरणा से जिला प्रशासन अब राज्य का पहला सरकारी नशा मुक्ति केंद्र खोलने जा रहा है। मा0 सीएम के निर्देश पर जिलाधिकारी ने इसका जिम्मा उठाया है। प्रशासन का यह नशा मुक्ति केंद्र विषाक्त जीवन बदलने के लिए एक आखरी आशा की किरण होगी। ाज्य व जिले का प्रथम ‘नशा मुक्ति पुनर्वास केंद्र’ देहरादून रायवाला में संचालित होगा। नशा मुक्ति केंद्र के लिए डीएम ने 57.04 लाख की स्वीकृति प्रदान कर दी है। 30 बिस्तरयुक्त नशा मुक्ति कें्रद संचालन के लिए जिला प्रशासन जल्द अनुभवी एनजीओ का चयन करेगा। डिस्ट्रिक्ट डी-एडिक्शन सेंटर के लिए जिला प्रशासन ने पूरा एक्शन प्लान तैयार कर लिया है।

देहरादून के जिलाधिकारी सविन बंसल

जनपद देहरादून में स्वैच्छिक संस्थान (एनजीओ) के माध्यम से डिस्ट्रिक्ट डी-एडिक्शन सेंटर की स्थापना को लेकर जिलाधिकारी सविन बंसल ने समाज कल्याण एवं संबंधित विभागीय अधिकारियों की बैठक ली। इसमें जिलाधिकारी ने राजकीय वृद्धाश्रम रायवाला के प्रथम तल में प्रस्तावित राजकीय नशा मुक्ति केंद्र का संचालन शीघ्र शुरू कराने के निर्देश दिए। रायवाला वृद्धाश्रम के प्रथम तल पर 13 कमरों के साथ बाथरूम, 01 हॉल और 02 कार्यालय कक्ष उपलब्ध है। इसमें 30 बिस्तरचुक्त नशा मुक्ति केंद्र का संचालन किया जाएगा।

जिलाधिकारी ने कहा कि समाज में नशा एक गंभीर समस्या बन चुकी है। नशे की लत छुड़ाने के लिए एक व्यवस्थित उपचार जरूरी है। जिलाधिकारी ने राजकीय नशा मुक्ति केंद्र के संचालन हेतु खनन न्यास निधि से 57.04 लाख के प्रस्तावित बजट को मंजूरी प्रदान की। जिसमें भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार 30 बिस्तरयुक्त नशा मुक्ति केंद्र के लिए स्वीकृत 22 पदों का 06 माह का मानदेय हेतु 22.56 लाख, भवन अनुरक्षण, दवाइयां, विद्युत-पानी बिल, वाहन, स्टेशनरी, भोजन आदि के लिए 9.48 लाख, नशा मुक्ति केंद्र के लिए गद्दे, फर्नीचर, वर्तन, अलमारी, कम्प्यूटर, बायोमेट्रिक मशीन आदि सामान के लिए 25 लाख शामिल है। जिलाधिकारी ने समाज कल्याण अधिकारी को निर्देशित किया कि नशा मुक्ति केंद्र संचालन हेतु समिति के माध्यम से अनुभवी एनजीओ का चयन किया जाए। नशा मुक्ति केंद्र में रजिस्ट्रेशन, ओपीडी, आइसोलेटेड रूम, स्टॉफ रूम, स्टोर रूम, वेटिंग एरिया आदि की उचित व्यवस्था की जाए।

बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एमके शर्मा, जिला समाज कल्याण अधिकारी दीपांकर घिल्डियाल, निदेशक सोशल वेलफेयर जगमोहन सिंह कफोला, आरडब्लूडी के अधिशासी अभियंता विनीत कुरील आदि उपस्थित थे।

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