दिसंबर 2004 में हरिद्वार जिले में बैंक में डाली थी डकैती
देहरादून। उत्तराखंड की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने कोतवाली हरिद्वार क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2004 में बैंक में डकैती डालने वाले एक लाख रुपए के इनामी बदमाश को तमिलनाडु से गिरफ्तार किया है। आरोपी के साथी टीपू की वर्ष 2005 में हरिद्वार पुलिस से मुठभेड़ में मौत हो गई थी।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ नवनीत सिंह भुल्लर ने बताया 17 दिसंबर 2004 की दोपहर इलाहाबाद बैंक की हरिद्वार शाखा में हथियारबंद बदमाश घुसे तथा बैंक स्टॉफ को बंधक लिया। बदमाश, हेड कैशियर के केबिन और स्ट्रांग रूम से 961950( नौ लाख 61 हजार 950) रुपए दो बैगों में भरकर ले गये। इस संबंध में कोतवाली नगर जनपद हरिद्वार में मुकदमा अपराध संख्या 810ध्04 धारा 395 भा०द०वी० पंजीकृत किया गया।
हरिद्वार जिले के तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिनव कुमार (वर्तमान पुलिस महानिदेशक) द्वारा बड़ी गम्भीरता से लेते हुये घटना का त्वरित अनावरण किया गया।घटना में शामिल इस गिरोह का सरगना मुख्य अभियुक्त टीपू यादव निवासी दिगहा पटना बिहार को हरिद्वार पुलिस द्वारा घटना के लगभग एक माह बाद ही पुलिस मुठभेड़ में मार गिराया गया था। इस घटना में शामिल 04 अन्य अभियुक्तों को हरिद्वार पुलिस द्वारा गिरप्तार किया जा चुका था, परन्तु घटना में शामिल उदय उर्फ विक्रांत निवासी ग्राम खेरकैमा जिला पटना बिहार तब से फरार चल रहा था। पुलिस द्वारा अभियुक्त के घर की कुर्की तक की गयी थी लेकिन उसकी गिरफ्तारी नहीं हो पायी थी। पुलिस मुख्यालय उत्तराखण्ड द्वारा इस डकैत की गिरफ्तारी हेतु एक लाख रुपए का ईनाम घोषित किया गया था।
एसटीएफ टीम को मुखबीर तंत्र से सूचना प्राप्त हुई कि यह ईनामी अपराधी तमिलनाडु में कहीं पर छिपकर रह रहा है। इस पर एक एसटीएफ की टीम उपनिरीक्षक विद्या दत्त जोशी के नेतृत्व में जनपद वेल्लोर, तमिलनाडु भेजी गयी। वहां पर इस टीम द्वारा अथक मेहनत से इस वांछित अपराधी के बारे में सूचना एकत्रित कर गिरफ्तारी की गयी है। अभियुक्त को गिरफ्तार कर कोतवाली हरिद्वार में आज दाखिल किया गया है।
गिरफ्तार अभियुक्त ने पूछताछ में बताया कि उसने हरिद्वार में बैंक डकैती की घटना से पहले बिहार में पटना क्षेत्र से एक व्यक्ति रविन्दर उर्फ अरविंद को फिरौती के लिये अपहरण किया था, जिसके बाद वह वर्ष 2004 में हरिद्वार आ गया था। यहां पर उसने जूस की ठेली लगायी और अपने साथियों के साथ इलाहाबाद बैंक में डकैती की योजना बनाकर घटना को अंजाम दिया था। बैंक डकैती में अपने साथी टीपू यादव के पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने के बाद पकड़े जाने के डर से अपना बेश बदलकर अपने भाई पवन कुमार के साथ विशाखापट्टनम में चला गया था। वहां फुटपाथ पर कपड़े की ठेली लगाकर जीवन यापन करने लगा। फिर उसके पश्चात वहीं पर ही शादी करके रहने लगा।