जब एंबुलेंस चालकों ने संवेदनहीनता दिखाई तो भाई का शव बोलोरो की छत पर रख गांव ले गई बहन

हल्द्वानी: कई बार हमारी संवदेनशीलता इतनी खत्म हो जाती है कि हम भूल जाते हैं कि आखिर हम इंसान हैं ऐसी नौबत किसी के साथ भी आ सकती है। उत्तराखंड के हल्द्वानी में भी एक ऐसा मामला सामने आया है। दरअसल, पिथौरागढ़ तक भाई का शव ले जाने के लिए एक बहन के पास पैसे नहीं थे। एंबुलेंस चालकों ने संवेदनहीनता दिखाते हुए शव घर तक पहुंचाने की एवज में 12 हजार रुपये किराया मांगा, लेकिन वह पैसा कम करने के लिए उनके आगे गिड़गिड़ाती रही। आखिर में युवती ने अपने गांव के बोलेरो चालक को बुलाया और भाई के शव को बोलेरो की छत पर बांधकर पिथौरागढ़ ले गई।

 बेरीनाग (पिथौरागढ़) निवासी युवती हल्द्वानी के हल्दूचौड़ स्थित एक कंपनी में नौकरी कर रही है। पिता काफी बुजुर्ग हैं और गांव में खेतीबाड़ी करते हैं। युवती ने 20 वर्षीय भाई को भी कंपनी में नौकरी करने को बुलाया। दो महीने पहले ही वह हल्दूचौड़ आया था।

 शुक्रवार सुबह दोनों भाई बहन नौकरी करने गए थे। एक घंटा काम के बाद भाई ने सिर दर्द कहकर कंपनी से छुट्टी ली और घर आ गया। इसके बाद उसकी बहन ने उसे फोन किया लेकिन उसने रिसीव नहीं किया ।

करीब ढाई बजे पुलिस ने युवती को सूचना दी कि उसका भाई रेलवे पटरी के पास बेसुध गिरा है। पुलिस की मदद से उसे सुशीला तिवारी अस्पताल लाया गया। जहां डाक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। शनिवार को पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर स्वजन सौंपा। युवती के पास इतने पैसे नहीं थे कि वह शव को एंबुलेंस से गांव ले जा सके। उसने एंबुलेंस वालों से पूछा तो किसी ने 10 तो किसी ने 12 हजार रुपये मांगे। इस पर युवती ने की अपने गांव के बोलेरे चालक से संपर्क किया। इसके बाद शव को वाहन की छत पर बांधकर बेरीनाग, पिथौरागढ़ ले गई।

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