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रामलीला में शूर्पणखा संवाद और माता सीता हरण संवाद का मंचन - मोनाल एक्सप्रेस

रामलीला में शूर्पणखा संवाद और माता सीता हरण संवाद का मंचन

देहरादून : सरस्वती विहार विकास समिति देहरादून के तत्वाधान में महिला कलाकारों द्वारा रामलीला का सुंदर मंचन किया जा रहा है, आज रामलीला के छठवें दिन में रावण की बहन शूर्पणखा जंगल में घूमने जाती है वहीं उसकी राम लक्ष्मण और माता सीता दिखाई देते हैं उनको लुभाने के लिए बहुत सुंदरी का रूप बनाती है और राम के पास जाकर उन्हें शादी के लिए कहती है, रामचंद्र जी उसे लक्ष्मण के पास भेजते हैं कि मैं शादीशुदा हूं आप लक्ष्मण के पास जो वह तुम्हें आवश्य वर लेगा, लक्ष्मण को लुभाने का प्रयत्न करती है जिससे लक्ष्मण को क्रोध आ जाता है और वह उसकी नाक काट देता है. सूर्पनखा अपने भाई खर और दूषण के पास जाती है, जब सूर्पनखा से खर और दूषण पूछते हैं कि उसकी नाक किसने काटी तो वह राम और लक्ष्मण का नाम लेती है इससे दोनों को बड़ा क्रोध आता है और वह लड़ाई करने के लिए राम और लक्ष्मण के पास चले जाते हैं तत्पश्चात वह दोनों राम और लक्ष्मण के हाथों मारे जाते हैं, यह खबर जब रावण को पता चलती है तो वह प्रतिशोध लेने के लिए सीता का हरण करने की योजना बनाता है और मामा मारीच के पास जाता है और उसे सोने का हिरण बनने को कहता है लेकिन पहले मामा मारीच तैयार नहीं होता है लेकिन जब उसे लगता है कि ऐसा ना करके वह रावण उसे मार देगा इसलिए वह सोचता है कि रावण के हाथों से मरने से अच्छा प्रभु श्री राम के हाथों से मर जाऊं और वह सोने का हिरण बन जाता है, सोने का हिरण देखते ही माता सीता प्रभु श्री राम को हिरण पकड़ने के लिए बोलती है श्री राम लक्ष्मण को सीता माता की देखभाल करने के लिए बोलते हैं और फिर हिरण के पीछे चले जाते हैं, काफी दूर जाने के बाद मायावी हिरण ने हाय लक्ष्मण है सीता की आवाज निकाल आवाज सुनकर सीता माता घर आ गई और लक्ष्मण को राम की मदद के लिए भेजने को मजबूर करने लगी पहले तो लक्ष्मण तैयार नहीं हुई लेकिन जब सीता माता ने है कर दी उसके बाद उन्होंने लक्ष्मण रेखा खींची और कहा जब तक मैं या प्रभु श्री राम नहीं आते आप इस लाइन के भीतर रहना रावण साधु के रस में आया और माता सीता से भिक्षा मांगने लगा, माता सीता ने रावण को साधु समझ कर दीक्षा देने की लक्ष्मण रेखा के अंदर से ही कोशिश की लेकिन रावण ने रेखा पार करने के बाद ही भिक्षा लेने की बात कही और फिर जैसे ही माता सीता ने लक्ष्मण रेखा पार करी रावण ने अपना असली भेष में आकर माता सीता का हरण कर दिया।

इस अवसर पर श्रीमती पुष्पा मंमगाई श्रीमती सुधा गैरोला श्रीमती पंचमी रावत श्रीमती सोना कुटी श्रीमती उमा चौहान श्रीमती बैसाली रावत श्रीमती विमला थपलियाल श्रीमती राजेश्वरी नेगी श्रीमती हेमलता नेगी श्रीमती निर्मला बिस्ट, श्रीमती सोना राणा श्रीमती आरती नेगी आदि उपस्थित थे

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