देहरादून : कांग्रेस के उपनेता सदन भुवन कापड़ी ने सरकार से मांग की है कि केदारनाथ गर्भगृह है प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच कराना अति आवश्यक है। केदारनाथ मंदिर के गर्भ ग्रह में जो सोने की निकासी हुई थी उसे तांबे में बदलने का प्रकरण विभिन्न माध्यमों से लोगों को पता चला है। मंगलवार को बयान जारी कर उन्होंने कहा कि केदारनाथ प्रकरण की चर्चाएं पूरे प्रदेश में पूरे भारतवर्ष में हो रही हैं जोकि उत्तराखंड की छवि को धूमिल करने का काम कर रहा है क्योंकि केदारनाथ पूरे भारतवर्ष की धार्मिक आस्था से जुड़ा हुआ प्रकरण है इसलिए सरकार को इस मामले में गहनता से जांच करानी चाहिए। इस प्रकरण में केदारनाथ सभा द्वारा जो केदारनाथ एक प्रमुख संस्था है उसके द्वारा भी केदारनाथ प्रकरण की जांच कराने के लिए सरकार से कहा गया है।सरकार को स्थानीय लोगों की मांग को देखते हुए एवं पूरे प्रदेश की छवि को को ध्यान में रखते हुए इस प्रकरण की जांच निष्पक्ष रुप से करानी चाहिए अभी निकटतम यात्रा काल में कहीं प्रकरण रोज सामने आ रहे हैं जिसमें सोने से तांबा बनने का प्रकरण गर्भ ग्रह में पैसे उड़ाने का प्रकरण अन्य कई प्रकरण सामने आए हैं सरकार को ऐसी चीजों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने का काम करना चाहिए, जिससे कि आस्था के केंद्र भगवान केदारनाथ से कोई छेड़छाड़ ना हो सके। जो भी इस मामले में लिप्त हैं उन पर कठोर से कठोर कार्रवाई होनी चाहिए यात्रा काल में इस प्रकार के प्रकार पूरे भारतवर्ष में उत्तराखंड की छवि को खराब कर रहे है। वर्तमान समय में कही निजी निर्माण कंपनी निर्माण सम्बंधी काम कर रही है उनकी भी जाँच करवाने की चाहिए। सरकार को इस पर संवेदनशील होना पड़ेगा एवं ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति ना हो इसके लिए ठोस कदम उठाने होंगे।
*गर्भगृह को स्वर्णमंडित किये जाने पर विवाद करना तीर्थ एवं तीर्थ पुरोहितों का अपमान:पोस्ती*
उधर, श्री केदारनाथ धाम के वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित तथा श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति सदस्य श्रीनिवास पोस्ती ने कहा कि केदारनाथ आपदा के बाद केदारनाथ मंदिर गर्भ गृह में दानीदाता द्वारा लगाये गये सोने को पीतल बताया जाना गलत है यह तीर्थो तथा तीर्थपुरोहितों का अपमान है। वही केदारनाथ नगर के पूर्व अध्यक्ष महेश बगवाड़ी ने भी केदारनाथ मंदिर को लेकर जारी हो रहे वीडियो को दुर्भाग्य पूर्ण बताया है।
उन्होंने कहा कि ऐसे द्वेषपूर्ण आरोपों से दानीदाता के भावनाओं को ठेस पहुंची है तथा यह तीर्थस्थलों तथा तीर्थ पुरोहितों का भी अपमान हुआ है।
मंदिर समिति सदस्य श्रीनिवास पोस्ती ने कहा कि 2013 की केदारनाथ आपदा के एक दशक बाद इस यात्रा वर्ष उत्तराखंड के चारधामों में से केदारनाथ धाम में सबसे अधिक 10 लाख तीर्थयात्री पहुंच गये है।
मंदिर समिति ने यात्रा व्यवस्थाओ में पर्याप्त सुधार किये इस कारण कुछ सनातन विरोधी तत्व तीर्थो की गरिमा को ठेस पहुंचा रहे है।
उन्होंने कहा कि एक साजिश के तहत केदारनाथ मंदिर की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाया जा रहा है। ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
वही तीर्थ पुरोहित व केदार पुरी के पूर्व व्यापार संघ अध्यक्ष महेश बगवाड़ी ने भी केदारनाथ मंदिर को लेकर जारी हो रहे वीडियो पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि इससे मंदिर की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंच रही है। मंदिर में दान दाता द्वारा जो भी दान किया गया है वह मंदिर समिति की आय है, इस पर विवाद किया जाना उचित नहीं है।