देहरादून : सरकारी मेडिकल कालेजों से चिकित्सकों के हो रहे मोह भंग को देखते हुए अब सरकार ने यहां संविदा पर काम कर रहे सुपर स्पेशलिटी चिकित्सकों का वेतन बढ़ा दिया है। इनमें अलग अलग श्रेणियों में करीब 50 प्रतिशत तक वेतन बढ़ाया गया है। चिकित्सा शिक्षा सचिव डा आर राजेश कुमार ने मंगलवार को इस संबंध में आदेश जारी किए हैं। दून मेडिकल कॉलेज की ही बात करें तो यहां पिछले कुछ सालों में अभी तक कई चिकित्सक नौकरी छोड़ चुके हैं। हाल में एक रेडियोलॉजिस्ट ने भी नौकरी छोड़ने को नोटिस दिया है। यही हाल अन्य जगहों पर भी देखने को मिलते हैं। इसके पीछे काम वेतन और काम का दबाव भी देखा जा रहा है। ऐसे में अब कार्डियोलाजी, नेफ्रोलाजी,न्यूरोसर्जरी, प्लास्टिक सर्जरी,न्यूरोलाजी एवं रेडियोलाजी विभाग के चिकित्सकों का मानदेय बढ़ाया गया है। मैदानी क्षेत्रों के राजकीय मेडिकल कालेजों में सुपर स्पेशलिटी एवं रेडियोलाजी विभाग में प्रोफेसर को 04, एसोसिएसट प्रोफेसर को 03 लाख 20 हजार, असिस्टेंट प्रोफेसर को 02 लाख 20 हजार व सीनियर रेजीडेंट को 01 लाख 50 हजार रुपये अधिकतम मानदेय तय किया गया है। दूसरी ओर पहाड़ में प्रोफेसर को 05, एसोसिएट प्रोफेसर को 04, असिस्टेंट प्रोफेसर को 03 व सीनियर रेजीडेंट को 02 लाख रुपये अधिकतम मानदेय मिलेगा। इसके अंतर्गत संकाय सदस्य के कार्य अनुभव, योग्यता व दक्षता को देखते हुए मानदेय का भुगतान किया जाएगा। उनके प्रदर्शन के मूल्यांकन के आधार पर प्रतिवर्ष मानदेय में वृद्धि की जाएगी। सीनियर रेजिडेंट एवं असिस्टेंट प्रोफेसर को दस प्रतिशत व एसोसिएट प्रोफेसर एवं प्रोफेसर को सात प्रतिशत हर साल वेतन बढ़ाया जाएगा।