उत्तराखंड में फिर से सक्रिय हुए “भगत दा”, बोले-राजनीति में कोई किसी का शिष्य नहीं होता

महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल व उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी

देहरादून : महाराष्ट्र में राज्यपाल पद से इस्तीफा देने के बाद भगत सिंह कोश्यारी उत्तराखंड में फिर से सक्रिय हो गए हैं। शुक्रवार को भगत सिंह कोश्यारी ने प्रेस से मिलिए कार्यक्रम में अपने ही अंदाज में मीडिया से दिल खोलकर बातें कीं। भगत दा ने स्पष्ट कहा कि राजनीति में कोई किसी का शिष्य नहीं होता है, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी राज्य के लिए काम कर रहे हैं।
कोश्यारी ने कहा कि स्वास्थ्य ठीक न रहने के चलते उन्होंने राज्यपाल पद से इस्तीफ़ा देना उचित समझा। इस दौरान उन्होंने कहा कि मैंने कभी ऐसे बयान नहीं दिए, जिससे किसी को ठेस पहुंचे। न शिवाजी महाराज पर और न ही सावित्री देवी पर। फिर भी मेरे से कोई गलती हुई होगी तो मैं माफी मांगता हूं।

मेरी एक ही इच्छा,आत्मनिर्भर उत्तराखंड बने

कोश्यारी ने कहा कि मेरी एक ही इच्छा है कि आत्मनिर्भर उत्तराखंड बने, चाहे उद्यान से बने या कृषि से। उत्तराखंड समृद्धि भरा हो, यही चाहता हूं, इस क्षेत्र में कैसे आगे बढ़े इसके लिए समन्वय होना चाहिए, अब जो समय बचा हुआ है इसी दिशा में काम करूंगा। घोस्ट विलेज आबाद हो सके, इसके लिए काम करूंगा। मैंने राज्यपाल के पद पर रहते हुए भी इस दिशा में कार्य किया है। उन्होंने कहा कि मैं हर अच्छे काम करने वाले के साथ मिलकर चलूंगा, अगर बलूनी की मुहिम अच्छी है तो मैं भी उसे आगे बढाने का काम करूंगा। हरीश रावत पर तंज कसते हुए कोश्यारी ने कहा कि अगर वह भी अच्छा करेंगे तो मैं भी साथ रहूंगा, लेकिन कभी उनके जैसा एक घंटे का मौन नही रखूंगा।

 

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