जिम्मेदारी नहीं निभाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा” – स्वास्थ्य सचिव
सीएम के आदेश पर त्वरित कार्रवाई, कई दोषियों को सजा
जिला चिकित्सालय बागेश्वर की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल
प्रतीकात्मक फोटो
देहरादून। बागेश्वर जिला चिकित्सालय में इलाज के दौरान एक बच्चे की मृत्यु के प्रकरण में गंभीर लापरवाही सामने आने पर स्वास्थ्य विभाग ने सख्त कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर जांच रिपोर्ट और कारण बताओ नोटिस के आधार पर जिम्मेदार डॉक्टरों, अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। इसमें सीएमएस पद से हटा दिया है। “स्वास्थ्य सचिव बोले- लापरवाही बर्दाश्त नहीं”
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा कि यह घटना अत्यंत दुखद है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर तुरंत कार्रवाई की गई है। उन्होंने साफ कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में किसी भी प्रकार की लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
👉 “हर अधिकारी-कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी संवेदनशीलता के साथ निभाए, अन्यथा कठोर कार्रवाई को तैयार रहें। ”सीएमएस को पद से हटाया
प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. तपन शर्मा पर एम्बुलेंस व्यवस्था सुनिश्चित न करने और प्रशासनिक अक्षमता का आरोप सिद्ध हुआ।
उन्हें तत्काल प्रभाव से पद व दायित्वों से मुक्त किया गया।
निदेशक कुमाऊं मंडल से संबद्ध किया गया है। 108 चालकों पर कार्रवाई
108 एम्बुलेंस चालक ईश्वर सिंह टोलिया और लक्ष्मण कुमार पर कर्तव्यों के प्रति उदासीनता का आरोप है।
एक माह तक सेवा से अलग रहने का आदेश।
विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई भी होगी। नर्सिंग स्टाफ और कक्ष सेवक को चेतावनी
नर्सिंग अधिकारी महेश कुमार, श्रीमती हिमानी और कक्ष सेवक सूरज सिंह कन्नाल पर लापरवाही के आरोप साबित हुए।
इन सभी को कठोर चेतावनी दी गई।
भविष्य में पुनरावृत्ति न करने का निर्देश जारी। अन्य डॉक्टरों पर भी हुई सख्ती
डॉ. भूरेन्द्र घटियाल (चिकित्साधिकारी) पर असंवेदनशीलता का आरोप, उन्हें भी कठोर चेतावनी।
डॉ. अंकित कुमार (बाल रोग विशेषज्ञ) पर सहानुभूति न दिखाने का आरोप, प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर प्रतिकूल प्रविष्टि दर्ज।