2022 से सितम्बर 2025 तक 79 ट्रैप, 92 कर्मचारी गिरफ्तार , 71% मामलों में सजा
देहरादून। मुख्यमंत्री की भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस नीति के तहत सतर्कता अधिष्ठान उत्तराखण्ड ने बीते ढाई वर्षों में कड़ा रुख अपनाते हुए बड़ी कार्रवाई की है। सोमवार को निदेशक सतर्कता की अध्यक्षता में आयोजित समीक्षा बैठक व प्रेस वार्ता में उपलब्धियों का ब्यौरा प्रस्तुत किया गया।
सतर्कता अधिष्ठान की प्रमुख उपलब्धियां (अप्रैल 2022–सितम्बर 2025)
टोल फ्री नम्बर 1064 पर 9424 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से 1421 विजिलेंस एंगल की थीं।
79 ट्रैप कार्रवाई, जिनमें 92 कर्मचारी (13 राजपत्रित व 79 अराजपत्रित) गिरफ्तार कर जेल भेजे गए।
डीए एवं अनियमितता मामलों में 24 गिरफ्तारी (7 राजपत्रित, 17 अराजपत्रित)।
1064 के माध्यम से 2025 में 331 शिकायतों पर 12 सफल ट्रैप।
न्यायालय में सशक्त पैरवी से 37 मामलों का निस्तारण, जिनमें 28 मामलों में दोषसिद्धि (71% सजा दर)।
राजस्व विभाग में सर्वाधिक कार्रवाई – 29 सफल ट्रैप, 32 कर्मचारी गिरफ्तार।
हरिद्वार (21), उधमसिंह नगर (22) और देहरादून (10) में सर्वाधिक ट्रैप।
शिकायत निस्तारण व्यवस्था
1064 हेल्पलाइन, ई-मेल, वेबसाइट व व्हाट्सएप नंबर से पारदर्शी व्यवस्था।
हर शिकायत का तत्काल संज्ञान, लापरवाही पर जिम्मेदारी तय कर सख्त कार्रवाई का आदेश।
वर्तमान में 29 प्रकरण शासन स्तर पर लंबित।
भ्रष्टाचार रोकथाम के प्रयास
सभी विभागीय कार्यालयों में जागरूकता पम्पलेट चस्पा।
विद्यालयों व शिक्षण संस्थाओं में सेमिनार व नुक्कड़ नाटक।
सोशल मीडिया, रेडियो और सिनेमाघरों के माध्यम से प्रचार।
दूरस्थ व सीमांत जनपदों तक 1064 का व्यापक प्रसार।
विवेचकों व जांच अधिकारियों को नई तकनीकों का प्रशिक्षण।
शिकायतकर्ताओं को राहत – अब तक 13 शिकायतकर्ताओं को 2.35 लाख रुपये ट्रैप की धनराशि वापस।
निदेशक सतर्कता ने कहा कि अधिष्ठान पूरी प्रतिबद्धता के साथ मुख्यमंत्री की जीरो टॉलरेंस नीति को लागू कर रहा है। हर शिकायत पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित होगी और भ्रष्टाचारियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।