देहरादून: दारोगा भर्ती की विजिलेंस जांच में सामने आया कि ओएमआर शीट में भी छेड़छाड़ की गई। संदिग्ध बताए जा रहे इन अथ्यर्थियों की ओएमआर शीट में कुछ जगह व्हाइटनर के निशान मिले हैं। 2015-16 में हुई दारोगा भर्ती में नकल माफिया ने बड़ी धनराशि लेकर यह खेल किया था। इस धांधली का सरगना भी हाकम सिंह रावत, केंद्रपाल व प्रिटिंग प्रेस का मालिक राजेश बताया जा रहा है। केंद्रपाल ने ही पंत विश्वविद्यालय के तत्कालीन आरोपी अधिकारियों के साथ साठगांठ कर धनराशि पहुंचाई थी। यूकेएसएसएससी की भर्ती परीक्षाओं में हुई धांधली में जब एसटीएफ ने हाकम को गिरफ्तार किया तो, इसके बाद उसके फोटो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगे। तब हाकम के साथ दो दरोगा की फोटो भी देखी गई। जांच हुई तो पाया गया कि ये दोनों दारोगा 2015-16 में हुई दरोगा भर्ती में पास होने वाले अभ्यर्थियों में शामिल थे। शक होने पर पुलिस मुख्यालय ने सरकार से 2015-16 में हुई दरोगा भर्ती परीक्षा की जांच कराने का आग्रह किया और इसके बाद इसकी विजिलेंस से जांच करवाई गई। बताया जा रहा है कि इनमें एक दरोगा हाकम और दूसरा पूर्व में गिरफ्तार किया गया अंकित के गांव का है। ये दोनों दरोगा उत्तरकाशी की यमुनाघाटी के हैं। जहां हाकम का मूल स्थान है।