देहरादून : उत्तराखंड में गुरुवार को गणतंत्र दिवस धूमधाम से मनाया गया। मुख्य कार्यक्रम स्थल देहरादून के परेड मैदान में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मौजूदगी में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त) ने तिरंगा फहराया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में राष्ट्रीय ध्वज फहराया। इस अवसर पर उन्होंने सभी को संविधान की उद्देशिका की शपथ दिलाई। उन्होंने कहा कि जन भागीदारी एवं जन सहयोग से उत्तराखंड को देश का अग्रणी राज्य बनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के एक भारत, श्रेष्ठ भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए हम सबको मिलकर योगदान देना होगा। वर्ष 2025 तक उत्तराखंड को देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिए राज्य सरकार हर क्षेत्र में तेजी से कार्य कर रही है। उधर, मुख्यमंत्री धामी एवं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने बलवीर रोड स्थित भाजपा प्रदेश मुख्याल्य में राष्ट्रीय ध्वज फहराया। वहीं मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने सचिवालय में तिरंगा फहराया। मुख्य सचिव ने कहा कि भारत की आजादी के बाद, देश का संविधान बनाने वालों ने यह निर्णय लिया कि देश को गणतांत्रिक देश बनाना है। इसके बाद संविधान बनाकर इसे 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया। हमारे संविधान का एक महत्त्वपूर्ण अंश यह भी है कि भारत के प्रत्येक नागरिक को समान अवसर का अधिकार प्राप्त है।
उन्होंने राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू का उदाहरण देते हुए लोगों को उनसे प्रेरणा लेने का आह्वान किया। कहा कि कठिन परिस्थितियों के बावजूद वह कभी हिम्मत नहीं हारी और आज राष्ट्रपति बनी हैं। यह हमारे संविधान की ही देन है। भर्तियों में भ्रष्टाचार जैसी घटनाओं के चलते आज उत्तराखण्ड के परिपेक्ष्य में समान अवसर का अधिकार का महत्त्व और भी बढ़ गया है। भर्तियों में भ्रष्टाचार बहुत ही चिंता का विषय है। हमें इसका समाधान ढूंडना है। इससे प्रदेश की नकारात्मक छवि गयी है। यह प्रदेश के लिए एक चुनौति है। शासन प्रशासन में बैठकें आयोजित कर यह निर्णय लिया गया कि पात्र युवाओं को ही नौकरी मिले इसके लिए कठोर कानून बनाया जा रहा है। इस प्रकार की घटनाओं में लिप्त लोगों को उम्र कैद की सजा एवं इन कामों से अर्जित सम्पत्ति की जब्त किए जाने का प्रावधान किया जा रहा है, ताकि यह संदेश जाए कि कोई और इस प्रकार की घटनाएं न करे और पात्र लोगों को ही नौकरी मिल सके।