उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग ने जारी की सूची, डॉ० संजय दत्त बने असिस्टेंट प्रोफेसर

@ प्रोफेसर बीणा जोशी के सानिध्य में किया शोध कार्य                                @   शोध के दौरान स्कॉलरशिप से घर के खर्च के लिए देते थे पैसे।

डा. संजय दत्त

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देहरादून : उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग हरिद्वार से जारी उच्च शिक्षा विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर की सूची के वरीयता क्रम में चौथे स्थान पर उत्तरकाशी के डा. संजय दत्त का चयन हुआ है। वह प्रसिद्ध पर्यावरणविद सुरेश भाई के बेटे हैं। विगत कुछ वर्षों से रा० इं० कालेज पौखाल, टिहरी गढ़वाल में रसायन विज्ञान के प्रवक्ता पद पर कार्यरत हैं।

संजय की प्रारंभिक शिक्षा स्व० बिहारी लाल जी द्वारा स्थापित सर्वोदयी संस्था लोक जीवन विकास भारती बूढ़ाकेदार के नई तालीम परिसर में हुई है। तत्पश्चात हाईस्कूल इंटरमीडिएट तक की शिक्षा राजकीय कीर्ति इंटर कॉलेज उत्तरकाशी, ग्रेजुएशन एवं पोस्ट ग्रेजुएशन रामचंद्र उनियाल राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय उत्तरकाशी से पूरी की है। बीएड भी उत्तरकाशी से किया है।

संजय ने एच.एन.बी.केंद्रीय गढ़वाल विश्व विद्यालय के स्वामी रामतीर्थ परिसर बादशाही थौल टिहरी गढ़वाल में वर्ष 2015 में शोध कार्य प्रारंभ किया था।

प्रोफेसर वीणा जोशी के सानिध्य और कुशल मार्ग दर्शन मे शोध कार्य (पी.एच.डी.)पूरा करने के बाद असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर चयनित हुए हैं। प्रो० वीणा जोशी कहती है कि कोरोना काल की विषम परिस्थितियों ने देश और दुनिया को विचलित किया, ऐसे में स्वाभाविक था कि संजय का शोध कार्य भी बाधित हुआ। परंतु विषम परिस्थितियों के बाद भी संजय ने अपना शोध कार्य जारी रखा जिसका सुखद परिणाम सामने है।

डॉ० संजय दत्त कहते है कि उनकी पढ़ाई में सबसे अधिक योगदान उनकी माता विमला देवी का है।

जब पीएचडी में थे तो उन्हें स्कॉलरशिप और अन्य प्रोजेक्ट्स से जो आर्थिक सहायता मिलती थी उसमें से कुछ पैसा बचाकर वे अपनी माता को घर के खर्च के लिए भी देते थे।

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