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कार्बेट में टाइगर सफारी प्रकरण : पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत से ईडी ने 12 घंटे तक की पूछताछ - मोनाल एक्सप्रेस

कार्बेट में टाइगर सफारी प्रकरण : पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत से ईडी ने 12 घंटे तक की पूछताछ

ईडी के दफ्तर में पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत

@ कार्बेट टाइगर रिजर्व की पाखरो रेंज में पेड़ों के अवैध कटान और निर्माण में अनियमितता व वित्तीय गड़बड़ी का मामला

देहरादून: कार्बेट टाइगर रिजर्व की पाखरो रेंज में पेड़ों के अवैध कटान और निर्माण में अनियमितता और वित्तीय घपले को लेकर पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत से ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने सोमवार को 12 घंटे तक (सुबह करीब 10.30 बजे से रात 10.30 बजे तक) पूछताछ की।

इस प्रकरण में सीबीआई ने अक्टूबर 2023 में मुकदमा दर्ज किया था, जबकि दिसंबर 2023 में ईडी ने भी मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी। ईडी ने फरवरी 2024 में पूर्व वन मंत्री रावत समेत उनके करीबियों और कुछ वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के ठिकानों पर छापेमारी भी की थी।                 @ यह है अवैध पेड़ कटान का प्रकरण :-

कार्बेट सफारी प्रकरण में सीबीआई ने अक्टूबर 2023 में मुकदमा दर्ज किया, जबकि दिसंबर 2023 में ईडी की एंट्री हुई। ईडी फरवरी 2024 में पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत समेत उनके करीबियों और कई वन अधिकारियों के ठिकानों पर छापेमारी भी कर चुकी है। पाखरो रेंज में टाइगर सफारी के लिए पेड़ों के अवैध कटान का मामला तब सामने आया था, जब राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण ने इस संबंध में मिली शिकायत की स्थलीय जांच की। साथ ही शिकायत को सही पाते हुए जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की संस्तुति की गई। इस प्रकरण की अब तक कई एजेंसियां जांच कर चुकी हैं। यह बात सामने आई है कि सफारी के लिए स्वीकृति से अधिक पेड़ों के कटान के साथ ही बड़े पैमाने पर बिना वित्तीय व प्रशासनिक स्वीकृति के निर्माण कराए गए। सुप्रीम कोर्ट की उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने इस प्रकरण में तत्कालीन वन मंत्री हरक सिंह की भूमिका पर भी प्रश्न उठाते हुए उन्हें भी जिम्मेदार ठहराया था। भारतीय वन सर्वेक्षण की सेटेलाइट जांच में यहां छह हजार से ज्यादा पेड़ों के कटान की बात सामने आई थी। मामले में दो आएफएस पर भी कार्रवाई की जा चुकी है।

@ मुख्यमंत्री धामी के आदेश पर खुली मामले की परत :-

   

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आदेश पर वर्ष-2022 में विजिलेंस के हल्द्वानी सेक्टर में इस मामले मे मुकदमा दर्ज किया गया। जांच के बाद विजिलेंस ने एक आरोपी बृजबिहारी शर्मा को गिरफ्तार किया और इसके बाद 24 दिसंबर 2022 को पूर्व डीएफओ किशनचंद को भी गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में विजिलेंस न्यायालय में आरोपपत्र भी दाखिल कर दिया था। विजिलेंस ने उसी वर्ष 30 अगस्त को पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत के परिवार से संबंधित देहरादून में एक शिक्षण संस्थान और एक पेट्रोल पंप पर भी छापा मारा था। इस बीच उच्च न्यायालय के आदेश पर सीबीआइ ने विजिलेंस से जांच संबंधी दस्तावेज हासिल किए और मुकदमा दर्ज कर जांच शुरु की।     

पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत

@ केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही सरकार : हरक सिंह :- ईडी की पूछताछ पूरी होने के बाद देर रात हरक सिंह रावत ने मीडिया के लिए बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि ईडी ने लोकसभा चुनाव से पहले 07 फरवरी को उनके घर पर छापा मारा था। इसके बाद 29 मार्च को उन्हें बुलाया था। उत्तराखंड की सभी सीटों पर लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी घोषित होते ही उन्हें बुलाना बंद कर दिया। ईडी के विरोध में देशभर मे धरना प्रदर्शन किया गया। ईडी मुख्यालय के बाहर धरना देकर भाषण दिया तो केंद्र सरकार बैकफुट पर आई है। केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है। जिन कानूनों के तहत आतंकवादियों व देशद्रोही को जेल भेजा जाना चाहिए, उनके तहत वर्तमान में विपक्ष के नेताओ को जेल भेजा जा रहा है। आपातकाल जैसी स्थिति बन गई है। पाखरो टाइगर सफारी बहुत अच्छा प्रोजेक्ट है। ऐसे अच्छे प्रोजेक्ट के लिए कोई भी केंद्रीय एजेंसी मुझे जेल भेजना चाहे तो मैं जेल जाने को तैयार हूं। मैंने एक अच्छे उद्देश्य के लिए यह प्रोजेक्ट शुरू किया। इससे कई लोगों को रोजगार मिलना था।

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