देहरादून: बीएएमएस की फर्जी डिग्री बेचने के मामले में एसआईटी ने भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड के तीन कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है। तीनों आरोपी कर्मचारी गिरोह के मास्टरमाइंड इमलाख के लिए काम करते थे। वह झोलाछापों का पंजीकरण और सत्यापन करवाने में इमलाख की मदद करते थे। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में कनिष्ठ सहायक विमल बिजल्वाण, वैयक्तिक सहायक विवेक रावत व अंकुर महेश्वरी शामिल हैं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दलीप सिंह कुंवर ने बताया कि बीएएमस की फर्जी डिग्री तैयार करने के मामले में एसआइटी जांच कर रही है। एसआइटी के प्रभारी आइपीएस सर्वेश पंवार ने भारतीय चिकित्सा परिषद के उक्त तीनों कर्मचारियों से पूछताछ की थी।
पूछताछ करने पर आरोपियों ने बताया कि फर्जी सत्यापन और पंजीकरण करने के लिये उन्हें प्रति व्यक्ति 60 हजार रुपए मिलते थे, जिसे वह आपस में बाँट देते थे। मामले में जल्द ही कुछ और लोग गिरफ्तार किए जा सकते हैं। इनमें झोलछापों की संख्या बढ़ सकती है। अभी तक इस मामले में कुल 11 आरोपी पकड़े जा चुके हैं। जिसमें गिरोग के सरगना इमलाख और उसका भाई इमरान के अलावा 7 झोलाछाप हैं। जबकि 3 परिषद के कर्मचारी आज पकड़े जा चुके हैं।