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मालेगाँव धमाकों को लेकर जांच अधिकारी के खुलासे से खुली कांग्रेस की पोल: भट्ट - मोनाल एक्सप्रेस

मालेगाँव धमाकों को लेकर जांच अधिकारी के खुलासे से खुली कांग्रेस की पोल: भट्ट

देहरादून। भाजपा ने मालेगांव धमाकों को लेकर पूर्व जांच अधिकारी के खुलासे को सनातनद्रोही कांग्रेस और गांधी परिवार की पोल खोलने वाला बताया है। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद श्री महेंद्र भट्ट ने कहा, संतों, सैन्य अधिकारियों के बाद आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को फंसाने की कोशिश सामने आने के बाद, सनातन को बदनाम करने की उनकी साजिश से पर्दा पूरी तरह उठ गया है।

मीडिया के लिए जारी अपने बयान में उन्होंने कहा, मालेगांव ब्लास्ट मामले की जांच में शामिल एटीएस के पूर्व अधिकारी महबूब मुजावर द्वारा किए गए खुलासे से कांग्रेस और गांधी परिवार की पोल पूरी तरह से खुल गई है। उन्होंने निशाना साधा कि जांच से जुड़े एटीएस के पूर्व अधिकारी महबूब मुजावर का बताना कि जांच के दौरान उन पर दबाव बनाया गया था कि झूठा केस बनाकर सरसंघचालक श्री मोहन भागवत को गिरफ्तार करे।भगवा आतंकवाद का फर्जी नैरेटिव बनाएं बनाने के पीछे गांधी परिवार की सोच थी कि किसी भी तरह से सनातन को बदनाम किया जाए। ताकि धर्म विशेष से प्रेरित आतंकवाद से घायल देश का ध्यान डीरेल किया जाए। जिसकी तस्दीक, मालेगांव प्रकरण पर आए निर्णय के बाद कांग्रेस नेता और पूर्व सीएम पृथ्वीराज चव्हाण द्वारा दिए गए बयां से होती है। जिसमें उन्होंने “आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता है”, की कांगरे तुष्टीकरण नीति को दोहराया है।

उन्होंने कहा, 2008 में हुए मालेगांव बम विस्फोट केस से सात निर्दोषों की रिहाई बताती है कि देश में कांग्रेस सरकार ने ‘भगवा आतंकवाद’ का नैरेटिव फैलाने की कोशिश की थी। विशेष रूप से “गांधी परिवार” हिंदुओं को अपमानित चाहता था।यह सब तुष्टिकरण राजनीति और वोटबैंक के लालच का नतीजा था। अब अदालत के फैसले ने कांग्रेस द्वारा गढ़ा हुए नैरेटिव को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया है।

उन्होंने आरोप लगाया कि भगवा आतंकवाद’ के नैरेटिव को आगे बढ़ाने और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक श्री मोहन भागवत को गिरफ्तार करने के लिए षड्यंत्र रचा गया था। यह प्रकरण साफ दर्शाता है कि किस तरह तत्कालीन कांग्रेस सरकार और उसके प्रभाव में काम कर रही एजेंसियां ‘भगवा आतंकवाद’ के फर्जी नैरेटिव को स्थापित करने के लिए सारी हदें पार कर दी थी, भले ही उसमें निर्दोषों की गरिमा और देश के संविधान की मर्यादा ही क्यों न टूटे। उस समय की कांग्रेस सरकार की प्रतिशोधात्मक मानसिकता पराकाष्ठाएं पार कर चुकी थी।

उन्होंने एसटीएफ अधिकारी महबूब के बयान का हवाला देते हुए कहा, स्वाभाविक रूप से गांधी परिवार का ही एजेंडा था कि वोट बैंक की राजनीति के लिए सनातन  संस्कृति को किसी भी तरह से अपमानित की जाए। उनके गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने भी कांग्रेस पार्टी के एक सम्मेलन में पहली बार ‘भगवा आतंकवाद’ शब्द का इस्तेमाल किया था। जब से पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि मुझसे जो मेरी पार्टी आलाकमान ने  कहा मैंने वो किया।

उन्होंने कहा, अदालत के निर्णय और पूर्व जांच अधिकारी के खुलासे के बाद कांग्रेस पार्टी और गांधी परिवार के इस मुद्दे पर अब मुंह छिपाना असंभव हैं। वहीं उम्मीद जताई, देशवासी आने वाले दिनों में ऐसे सनातन द्रोहियों को लोकतांत्रिक तरीके करारा सबक सिखाएंगे।

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