राज्यभर के आयुर्वेद विश्वविद्यालयों में बड़े आंदोलन की चेतावनी
देहरादून। उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कर्मचारियों को मार्च 2025 से वेतन न मिलने से नाराज उत्तराखंड विश्वविद्यालय कर्मचारी महासंघ ने राज्य सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। महासंघ ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र वेतन नहीं जारी किया गया तो प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में व्यापक विरोध-प्रदर्शन किया जाएगा।
महासंघ के अध्यक्ष भूपाल सिंह करायत और महामंत्री प्रशांत मेहता ने कहा कि विश्वविद्यालय में पिछले दो वर्षों से गंभीर प्रशासनिक अव्यवस्था फैली हुई है, जिससे कर्मचारियों को 3 से 5 महीने की देरी से वेतन मिलना आम बात हो गई है। इस स्थिति में कर्मचारियों का अपने परिवार का भरण-पोषण करना बेहद कठिन हो गया है।
उन्होंने कहा कि यह समस्या केवल आयुर्वेद विश्वविद्यालय तक सीमित नहीं है, बल्कि यह उच्च शिक्षा व्यवस्था में प्रशासनिक लापरवाही का परिणाम है। महासंघ की मांग है कि इस मुद्दे का शासन स्तर पर स्थायी समाधान निकाला जाए, जिससे कर्मचारियों को हर महीने समय पर वेतन मिल सके।
फरवरी में भी किया था प्रदर्शन
महासंघ ने फरवरी 2025 में भी इसी मुद्दे पर प्रदर्शन किया था, लेकिन आश्वासनों के बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है। अब एक बार फिर आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कर्मचारी आंदोलनरत हैं और कार्यप्रणाली पूरी तरह से प्रभावित हो चुकी है।
राज्यव्यापी आंदोलन की चेतावनी
महासंघ ने चेतावनी दी है कि अगर शीघ्र समाधान नहीं निकला तो यह आंदोलन केवल आयुर्वेद विश्वविद्यालय तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पूरे उत्तराखंड के विश्वविद्यालयों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन होंगे, जिसकी जिम्मेदारी सरकार और संबंधित विभागों की होगी।