भगवा कोई रंग मात्र नहीं है, यह एक सभ्यता है संस्कृति है : मोहन भागवत

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत।

हरिद्वार : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत बुधवार को योग गुरु बाबा रामदेव के शताधिक संन्यास दीक्षा कार्यक्रम में हरिद्वार के पतंजलि स्थित ऋषि ग्राम पहुंचे। इस दौरान संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि *कहा जा रहा है कि सनातन आ रहा है, लेकिन सनातन था, सनातन है और सनातन रहेगा, क्योंकि यह सनातन है और हमेशा है और हमेशा रहेगा।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत बुधवार को योग गुरु बाबा रामदेव के शताधिक संन्यास दीक्षा कार्यक्रम में हरिद्वार के पतंजलि स्थित ऋषि ग्राम पहुंचे।

उन्होंने कहा कि विकास का जो पश्चिमी मॉडल है, अब पश्चिम के विद्वान उस पर पुनर्विचार की आवश्यकता जता रहे हैं।

भागवत ने कहा कि भगवा कोई रंग मात्र नहीं है, यह एक सभ्यता और संस्कृति है। प्रकाश के प्रथम विस्तार का रंग भगवा है। सुबह जब सूर्य की किरणें ब्रह्मांड में विस्तार लेती हैं तो उसका रंग भगवा होता है। मोहन भागवत ने सन्यास दीक्षा लेने वाले सन्यासियों को संबोधित करते हुए कहा कि मैं आपका मार्गदर्शन करूं यह उचित नहीं, आप सब ने बड़ा संकल्प लिया है। मैं इसके लिए आपको शुभकामनाएं देता हूं। इतना ही कह सकता हूं कि आपके इस कर्म में कोई कठिनाई आती है, कोई दुश्वारियां आती है हमें बताइए, हम उसका निवारण करेंगे।

जिन्हें सनातन का बोध नहीं वह आरोप मढ़ते हैं : रामदेव

दूसरी ओर, योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा कि जिन्हें सनातन का बोध नहीं है, वह सनातन पर आरोप मढ़ते रहते हैं। उन्होंने चुनौती दी कि अगर किसी को सनातन समझना है तो वहां यहां आए और देखें कि सनातन क्या है और सन्यास किसे कहते हैं। सन्यास परम पुरुषार्थ का प्रतिबिंब है। सन्यास ग्रहण करना और सन्यास धर्म को निभाना दोनों अलग बातें हैं और जो इसे पूर्णता के साथ करता है वह परम सन्यासी होता है।

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