देहरादून: भाजपा ने कहा कि केदारनाथ मे जिस दानदाता ने स्वर्ण मंडन किया है वह 2013 मे कांग्रेस सरकार के रहते 500 किलो सोना देने की तैयारी मे था, लेकिन तत्कालीन सरकार की मंशा को भांप कर दान दाता ने दान से इंकार कर दिया था। तब से कांग्रेसी मामले पर निगाह गढ़ाये हुए थे और जैसे ही दानदाता ने स्वर्ण मंडन की घोषणा की तो कांग्रेसी सतर्क हो गए और स्वर्ण मंडन न हो इसके लिए धार्मिक आधार पर कई तर्क देने लगे। बाद मे उन्होंने राजनैतिक षड्यंत के तहत झूठी, बेबुनियाद एवं तथ्यहीन जानकारी फैलाने का प्रयास कर रही है जिसका नतीजा उत्तराखंड की छवि को देश भर मे धूमिल करने की कोशिश के रूप मे सामने आया।
प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान ने बयान जारी करते हुए मंदिर गर्भ गृह में स्वर्णमंडन को लेकर की जा रही विपक्षी बयानबाजियों की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि मंदिर समिति स्पष्ट कर चुकी है कि मात्र 23 किलो सोना ही दानदाता द्वारा अर्पित किया गया है, लेकिन कांग्रेस अपने आईटी सेल के जरिये उसे 230 किलो बता रही है और यह उसकी नकारात्मक राजनीति को प्रदर्शित करता है।
चौहान ने कहा कि कांग्रेस एक और झूठ बोल रही है कि दानदाता को किसी भी तरह के इनकम टैक्स छूट का कोई सर्टिफिकेट दिया गया है। इसी दानदाता द्वारा बद्रीनाथ धाम में दान किए गए सोने में गड़बड़ी का दावा कांग्रेस के झूठ की कलई खोलने को पर्याप्त है । क्योंकि यदि कांग्रेस ने वहां सोने को पीतल पाया तो उसकी जानकारी कभी सार्वजनिक क्यों नहीं की ।
चौहान ने तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस सरकारों से जुड़े भ्रष्टाचार के अनुभव को देखते हुए कोई विश्वास नहीं करेगा कि उन्होंने दानदाता की 500 किलोग्राम स्वर्ण दान की इच्छा को नियमानुसार नही होने पर ठुकरा दिया होगा । जबकि सच्चाई यह है कि तत्कालीन मंदिर समिति के पदाधिकारी दानदाता से समस्त सोना अपने स्वामित्व में देने के लिए दबाब बना रहे थे और दानदाता को उस समय समिति में मौजूद कांग्रेसी पदाधिकारियों की नीयत पर भरोसा नही था ।
चौहान ने आरोप लगाते हुए कहा कि भ्रष्टाचार आज नही, बल्कि उस समय होने वाला था जब दानदाता ने सोने देने से इनकार कर कांग्रेसियों के घोटाले की मंशा पर विराम लगा दिया था । उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कर्मों में ही नही, विचारधारा और सोच में भी घपला, घोटाला और घालमेल है। लिहाज़ा उन्हें सभी कामों में गड़बड़ी के ही सपने आते हैं । कांग्रेस के झूठे आरोपों को जनता बखूबी पहचानती है और यह दुखद है कि जब वह अपने राजनैतिक स्वार्थ की प्रतिपूर्ति के लिए भगवान के मंदिरों को भी घसीटते हैं ।
उन्होंने जांच की मांग को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि बिना किसी तथ्य और अपुष्ट जानकारी के आधार पर आरोप लगाना स्वयं कांग्रेस पार्टी की विश्वसनीयता पर ही प्रश्नचिन्ह खड़े करता है । कांग्रेस के लिए सनातनी संस्कृति और उससे जुड़ी पहचान कोई मायने नही रखता है उन्हें केदारनाथ गर्भगृह में चमड़े के जुटे पहने सारी दुनिया देखा है और अब वह तथ्यहीन आरोप लगाते रहते हैं ।