देहरादून : गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर दिल्ली में प्रतिष्ठित पुरस्कारों की घोषणा की गई। इनमें एक नाम उत्तराखंड से भी शामिल किया गया। वह है प्रसिद्ध पुरातत्वविद व इतिहासकार डा यशवंत सिंह कठोच का नाम। डा कठोच को शिक्षा एवं साहित्य के क्षेत्र में पद्मश्री सम्मान के लिए चयनित हुआ है। वह इतिहास और पुरातत्व पर आधारित 12 पुस्तकें लिख चुके हैं। 89 वर्षीय डा कठोच पौड़ी जिले के एकेश्वर ब्लाक के मासौं गांव के रहने वाले हैं।
डा यशवंत सिंह कठोच का जन्म 27 दिसम्बर, 1935 को मासौं गांव (पौड़ी गढ़वाल) में हुआ। डा कठोच की प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व में खास रुचि रही है। यशवंत सिंह कठोच राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मासौं से 1995 में सेवानिवृत्त हुए।
कला, संस्कृति एवं पुरातत्व पर उनके 50 से अधिक शोध पत्र प्रकाशित हो चुके हैं। उनकी पहली शोध पुस्तक मध्य हिमालय का पुरातत्व 1981 में प्रकाशित हुई। डा कठोच के अनुसार, इन दिनों वह अपने गांव मासौं में हैं। उनका अध्ययन और लेखन कक्ष पौड़ी जिला मुख्यालय क्षेत्र में है। खुशी व्यक्त करते हुए उन्होंने बताया कि उन्हें पद्मश्री पुरस्कार के लिए नाम चयनित होने की जानकारी मिली है।
डा यशवंत सिंह कठोच ने बताया कि उनका मुख्य विषय पुरातत्व रहा है, जिसके अध्ययन से उत्तराखंड के इतिहास और संस्कृति की सही और प्रमाणिक जानकारी प्राप्त हुई है। अभी भी वह निरंतर अपने लेखन और अध्ययन में जुटे हैं।