हिमाचल में अवैध मस्जिद बचाने वाली कांग्रेस की केदारनाथ प्रतिष्ठा यात्रा ढोंग : भट्ट

 

 *केदारनाथ को सनातनी हार के रूप प्रचारित करने की कांग्रेसी मंशा कभी पूरा नहीं होगी*

देहरादून (13 सितंबर) : भाजपा ने कांग्रेस पर दोगली राजनीति का आरोप लगाते हुए कहा, हिमाचल में अवैध मस्जिद को बचाने वाले उत्तराखंड में केदारनाथ प्रतिष्ठा यात्रा का ढोंग कर रहे हैं । साथ ही प्रदेश अध्यक्ष  महेंद्र भट्ट ने कटाक्ष किया, कांग्रेस को केदार घाटी समेत देवभूमि के ग्रामीणों की प्रतिष्ठा से अधिक बाहरी अपराधी तत्वों की चिंता रहती है। लिहाजा केदारनाथ को सनातन की हार के रूप प्रचारित करने की मंशा रखने वाली कांग्रेस को देवतुल्य जनता करारा सबक सिखाने जा रही है।

मीडिया के लिए जारी बयान में उन्होंने निशाना साधते हुए कहा, देश दुनिया में हिंदुत्व और सनातन का विरोध वाली कांग्रेस पार्टी बड़ी बेशर्मी से केदारनाथ धाम की प्रतिष्ठा बचाने का दंभ भर रही है। जनता देख रही है कि अपनी प्रतिष्ठा बचाने के लिए किस तरह ये लोग केदारपुरी का राजनैतिक दुरुपयोग कर रहे हैं । ये गाड़ियों से चलने वाली पैदल यात्रा से टुकड़ों टुकड़ों में बाबा के धाम तो पहुंच गए, लेकिन इनकी पार्टी की बची कुची प्रतिष्ठा बहुत पीछे छूट गई है। इनकी पूरी यात्रा में स्थानीय लोग कहीं भी शामिल नहीं हुए और बाहरी लोगों के समर्थन में ही ये पहले सीतापुर तक पहुंचे थे । यही वजह है कि आपदा में भी कांग्रेस की इसी संवेदनहीन राजनीति को लेकर स्थानीय जनता बेहद नाराज थी। उद्देश्य पूरा न होते देख वे बीच में ही यात्रा स्थगित कर वापिस लौट गए थे और अब सिर्फ औपचारिकता पूरी करने के लिए दोबारा यहां पहुंचे। जनता अच्छी तरह समझ गई है कि यह पूरी यात्रा केदारनाथ उपचुनाव को लेकर ही की जा रही है ।

केदारघाटी समेत देवभूमि की जनता भी अचरज में है कि अल्पसंख्यक तुष्टिकरण के लिए हिंदुत्व विरोध की राजनीति करने वाली कांग्रेस को अचानक केदार धाम की चिंता क्यों होने लगी। जबकि उनकी पार्टी की हिमाचल सरकार पहले शिमला और अब मंडी की अवैध मस्जिद बचाने के लिए ऐड़ी चोटी का जोर लगाए हैं । वहीं उत्तराखंड में कांग्रेस पार्टी केदार धाम की प्रतिष्ठा बचाने का राजनैतिक पाखंड कर रही है । जब देवभूमि और रुद्रप्रयाग की जनता, बाहर से आने वाले अपराधी तत्वों से सतर्क और सुरक्षित रहने के लिए बोर्ड लगाने का प्रयास करती है, तो यही कांग्रेसी विरोध में हल्ला मचाना शुरू कर देते हैं । इसी तरह देवभूमि की डेमोग्राफी परिवर्तित करने की साजिश के तहत बनाए गए अवैध धार्मिक अतिक्रमणों को जब ध्वस्त किया जाता है तो भी सबसे अधिक पीड़ा कांग्रेस नेताओं को होती है। ये प्रलोभन या जोर जबरदस्ती से धर्मांतरण करने वालों का समर्थन करते हैं और गोकशी करने वालों के साथ भी खड़े रहते हैं । केदारनाथ उपचुनाव में लाभ लेने के लिए कांग्रेस पार्टी का यह पूरा प्रोपेगेंडा, राजनीतिक दोगलेपन की इंतहा है । लेकिन वहां की देवतुल्य जनता, केदारनाथ को सनातन की हार के रूप में प्रचारित करने की मंशा रखने वाली कांग्रेस को करारा सबक सिखाने का मन बनाए हुए है।

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