देहरादून : अयोध्या में रामलला के विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर देशभर में उल्लास छाया हुआ था। इस ऐतिहासिक और पौराणिक दिन का लंबे समय से इंतजार किया जा रहा था। वहीं, इस दिन पर जन्म लेने वाले बच्चे भी उनके माता पिता खास मान रहे हैं। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में भी कई घरों में भी 22 जनवरी के इस दिन किलकारियां गूंजी। किसी के घर ‘सीता’ तो किसी के घर ‘राम’ ने जन्म लिया। इस दिन उत्तराखंड के सबसे बड़े राजकीय अस्पतालों(मेडिकल कॉलेज) में शामिल दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 11 बच्चों ने जन्म लिया है। उनके माता पिता खुद का सौभाग्य मान रहे हैं। इसलिए उनके घरों में अलग तरह का जश्न है।
डांडीपुर के सुमित साहनी की पत्नी नीतू ने दून मेडिकल कालेज अस्पताल में बेटे को जन्म दिया है। उन्होंने कहा कि बेटे ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दिन जन्म लिया है। इसलिए इससे बड़ा दिन हमारे लिए कोई और नहीं हो सकता है। घर में खुशियां मनाई जा रही हैं। हम उसका नाम ‘राघव’ रखेंगे।
वहीं, सेलाकुई की दीपिका ने बेटी को जन्म दिया है। वह खुद को बहुत सौभाग्यशाली मान रही हैं कि राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दिन उनके घर में किलकारी गूंजी है। उन्होंने कहा कि आज मैं बहुत खुश हूं कि ऐसे पवित्र दिन हमारे घर में नया मेहमान आया है। उनके घर दीवाली जैसा माहौल है। कोई बच्ची को ‘जानकी’ कह रहा है, तो कोई ‘सिया’। वह बेटी का नाम सिया रखेंगे।
जौनसार बावर निवासी रवि दून में बागवानी का काम करते हैं। उनकी पत्नी राधिका ने दून अस्पताल में बेटे को जन्म दिया है। उसका नाम वह भगवान राम के नाम पर ही रखेंगे। कहते हैं कि हमारे परिवार में जो चिराग आया है भगवान राम की ही देन है।
दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय के उप चिकित्सा अधीक्षक डा. डोभाल ने बताया कि अस्पताल में 11 बच्चों ने जन्म लिया है। जिनमें पांच लड़के व छह लड़कियां हैं।