देहरादून। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के पटेलनगर क्षेत्र में रविवार सुबह एक घर में गैस सिलेंडर में हुए भीषण ब्लास्ट से इलाके में अफरा-तफरी मच गई। हादसे में एक ही परिवार के पांच लोग झुलस गए, जिनमें तीन मासूम बच्चे भी शामिल हैं। सभी घायलों को तत्काल दून अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज जारी है।
सूचना मिलते ही थाना पटेलनगर पुलिस टीम मौके पर पहुंची। जांच में सामने आया कि हादसा महंत इंद्रेश अस्पताल के पीछे, पूर्वी पटेलनगर की एक टपरी में हुआ, जहां विजय साहू नामक व्यक्ति अपनी पत्नी और बच्चों के साथ एक छोटे से कमरे में रहता था।
कैसे हुआ हादसा
जानकारी के अनुसार, रातभर कमरे की खिड़कियां और दरवाजे पूरी तरह बंद थे। उसी कमरे में रसोई गैस सिलेंडर और चूल्हा भी मौजूद था। रात से धीरे-धीरे गैस का रिसाव होता रहा। सुबह लगभग 6:45 बजे कमरे में मौजूद एक नंगी तार में हल्की सी चिंगारी (स्पार्किंग) हुई, जिससे गैस ने आग पकड़ ली और जोरदार धमाका हो गया।
इस धमाके से कमरे का एक दरवाजा और दीवार का हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया और वहां रह रहे पांचों सदस्य बुरी तरह झुलस गए। मौके पर पहुंची फॉरेंसिक और BDS टीम ने जांच में पाया कि हादसा एलपीजी गैस के रिसाव और उसकी वजह से हुई फ्लेम बर्न के कारण हुआ है।
झुलसे हुए लोगों की पहचान:
विजय साहू (38 वर्ष) पुत्र अशरफी लाल, निवासी ग्राम असहीपुर, बलरामपुर (यूपी) – वर्तमान पता: पटेलनगर, देहरादून
श्रीमती सुनीता (35 वर्ष), पत्नी विजय साहू
अमर (11 वर्ष), पुत्र विजय साहू
सनी (8 वर्ष), पुत्र विजय साहू
अनामिका (8 वर्ष), पुत्री विजय साहू
उपचार जारी
सभी घायलों को 108 सेवा की मदद से तुरंत दून अस्पताल पहुंचाया गया, जहां चिकित्सकों की निगरानी में उनका उपचार जारी है। प्रशासन ने स्थानीय निवासियों से अपील की है कि गैस सिलेंडर और बिजली उपकरणों का इस्तेमाल सावधानीपूर्वक करें और गैस की किसी भी प्रकार की गंध महसूस होते ही खिड़की-दरवाजे खोल दें व बिजली के स्विच का प्रयोग न करें।
प्रशासन की सतर्कता
पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने घटना स्थल का निरीक्षण किया और आसपास के लोगों को भी सतर्कता बरतने की सलाह दी है।
यह घटना न केवल सुरक्षा उपायों की अनदेखी को उजागर करती है, बल्कि इससे यह भी स्पष्ट होता है कि छोटी सी लापरवाही कितनी बड़ी त्रासदी का रूप ले सकती है।