गढ़वाल मंडल आयुक्त सुशील कुमार करेंगे प्रकरण की जांच, महिलाओं से अभद्रता पर महिला आयोग ने भी दिए जांच के निर्देश

देहरादून : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर पथराव एवं लाठीचार्ज के पूरे घटना क्रम की विस्तृत मजिस्ट्रीयल जाँच के लिए गढ़वाल मंडल आयुक्त सुशील कुमार को जाँच अधिकारी नामित किया गया है। बता दें कि दिनांक 8 फरवरी को गांधी पार्क में धरने के दौरान की घटना और आज दिनांक 9 फरवरी को देहरादून में बेरोज़गार संघ द्वारा आयोजित धरने के दौरान हुए पथराव की वजह से क़ानून व्यवस्था की विषम परिस्थिति उत्पन्न हो गई थी। बता दें कि उत्तराखंड राज्य महिला आयोग ने भी इस आन्दोलन का संज्ञान लिया है।

आयोग को शिकायत मिली है कि बुधवार 8 फरवरी की रात को गांधी पार्क के बाहर सत्याग्रह पर बैठे युवाओं के साथ कुछ महिला आन्दोलनकारी भी थीं। आरोप है कि पुलिस बल बिना महिला कर्मचारियों के वहां आया था और कुछ पुरुषपुलिस कर्मियों ने इन महिला आन्दोलनकारियों से अभद्रता की। जिसकी कुछ वीडियो भी वायरल हो रही है। आयोग ने इसी वीडियो का संज्ञान लिया है। आरोप है कि कुछ पुलिसकर्मी नशे में थे। आयोग की अध्यक्ष ने डीजीपी से मामले में जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

सीएम धामी के निर्देश पर बेरोजगार प्रदर्शनकारियों पर लगी आईपीसी की धारा 307 हटेगी, आज मिल जाएगी जमानत

जिला सभागार में अधिकारियों के साथ शुक्रवार रात आपात बैठक करती जिलाधिकारी सोनिका व एसएसपी दलीप सिंह कुंवर

 उत्तराखंड बेरोजगार संघ के बैनर तले बेरोजगार युवाओं के प्रदर्शन पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर शुक्रवार देर रात जिलाधिकारी सोनिका ने अधिकारियों के साथ आपात बैठक की। इस दौरान निर्णय लिया गया कि पथराव के कारण बेरोजगार युवाओं पर लगी आईपीसी की धारा 307 हटाई जाएगी। शनिवार तक गिरफ्तार सभी प्रदर्शनकारी युवा जमानत पर बाहर आ जाएंगे। जबकि 12 फरवरी को होने जा रही लेखपाल भर्ती परीक्षा निरस्त करने की मांग पर सहमति नहीं बन पाई है। दूसरी ओर सूचना एवं लोक संपर्क विभाग ने विज्ञप्ति जारी कर बताया कि उत्तराखंड बेरोजगार संघ की सभी मांगों पर गंभीरता से विचार करते हुए राज्य सरकार ने विभिन्न बिंदुओं पर कार्यवाही की है।
1-राज्य सरकार पटवारी भर्ती घोटाले की एसआईटी जांच को हाई कोर्ट के जज की निगरानी में कराएगी।

2-सीबीआई जांच की मांग को उत्तराखंड हाई कोर्ट द्वारा अस्वीकार किया जा चुका है। हाई कोर्ट पहले ही यह अवधारित कर चुका है कि जांच सही हो रही है इसलिए प्रकरण की सीबीआई नहीं करायी गई।

3-आंदोलनरत युवाओं की एक मांग पटवारी भर्ती में प्रश्नपत्र बदले जाने की थी। लोक सेवा आयोग पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि 12 फरवरी को होने जा रही पटवारी परीक्षा के प्रश्न पत्र नए सिरे से तैयार किए गए हैं।

4-सख़्त नकल विरोधी अध्यादेश को मंजूरी प्रदान की जा चुकी है।

5- राज्य लोक सेवा आयोग के परीक्षा नियंत्रक को हटा दिया गया है।

सूचना एवं लोक संपर्क विभाग के अनुसार, तमाम मांगों पर कार्यवाही किए जाने से आंदोलन जारी रखने का कोई औचित्य नहीं रह जाता है।

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