
देहरादून: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री व वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत ने ग्रीष्म कालीन राजधानी भराड़ीसैंण के गेट पर एक घंटे तक उपवास रखा। उनके साथ पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविन्द कुंजवाल, राज्यसभा सदस्य प्रदीप टम्टा सहित अन्य कांग्रेसी शामिल रहे। इससे पहले हरीश रावत के काफिले को विधानसभा परिषर स्थित पुलिस कैंप के पास रोका गया। इस दौरान पुलिसकर्मियों व कांग्रेसियों के बीच नोकझोंक भी हुई। इसके बाद वह कार्यकर्ताओं के साथ गेट पर ही उपवास पर बैठ गए। इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि बीते वर्ष उत्तराखंड सरकार द्वारा गैरसैण में बजट सत्र आयोजित किये जाने के निर्णय को टाला जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। सरकार के जिम्मेदार नेताओं व मंत्रियों द्वारा भराड़ीसैंण में ठंड का हवाला दिया जाना हास्यास्पद ही नहीं, बल्कि पहाड़ का अपमान है। जिन बुनियादी सवालों पर कार्य किया जाना चाहिए था, वह नहीं किया जा रहा है। हरीश ने कहा कि उन्होंने पार्टी को गैरसैण स्थाई राजधानी के मद्दे को लेकर चुनाव में उतरने कि सलाह दी, जिस पर नहीं चलने का खामियाजा 2017 व 2022 में भुगतना पड़ा। उन्होंने कहा कि विधानसभा परिसर में जाने से रोके जाने पर कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व विधानसभा अध्यक्ष को विधानसभा परिसर में जाने से रोका गया, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। इस मामले को आगामी विधानसभा सत्र के दौरान उठाया जाएगा।