28 मिनट में दवा लेकर एम्स ऋषिकेश से हरिद्वार जेल पहुंचा ड्रोन

देहरादून। एम्स ऋषिकेश मरीजों के लिए वरदान साबित हो रहा है। खासकर ड्रोन मेडिकल सेवा नियमित रूप से उत्तराखंड के सुदूरवर्ती इलाकों तक दवा पहुंचाने का कार्य कर रही है।बुधवार को यहां से ड्रोन के जरिए कैदियों के लिए हरिद्वार की रोशनाबाद स्थित जेल में दवा पहुंचाई गई। जबकि लौटते वक्त ड्रोन कुछ कैदियों के ब्लड सैंपल लेकर आया।

एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह।

एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने बुधवार को ड्रोन को एम्स के हेलीपेड से हरिद्वार के लिए रवाना किया गया। 28 मिनट में ड्रोन हरिद्वार के रोशनाबाद में स्थित जेल परिसर में पहुंचा। जहां जेल अधीक्षक मनोज कुमार आर्य और फार्मेसिस्टों ने दवाइयां प्राप्त की और वापसी में ड्रोन कुछ कैदियों के सैंपल भी लेकर आया। जिन्हें जांच के लिए एम्स की वीआरडीएल लैबोरेटरी भेजा गया। प्रो. मीनू सिंह ने कहा कि संस्थान ने इस मेडिकल सेवा का दो साल पहले 16 फरवरी 2023 को पहला सफल ट्रायल किया गया था। उस दौरान पहली बार एम्स ने टिहरी के जिला चिकित्सालय में ड्रोन के माध्यम से टी.बी. की दवा पहुंचाई थी। इसी क्रम में संस्थान द्वारा बुधवार को हरिद्वार जेल में कुछ कैदियों के लिए हेपेटाइटिस सी की दवा पहुंचाई गई। डॉ. अजीत भदौरिया ने कहा कि भारत में हेपेटाइटिस सी एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जिससे अनुमानित 6-10 मिलियन लोग प्रभावित हैं और इसकी राष्ट्रीय प्रसार दर लगभग 1 प्रतिशत है। इस सार्वजनिक स्वास्थ्य बोझ को कम करने के लिए, भारत सरकार ने जुलाई 2018 में राष्ट्रीय वायरल हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम शुरू किया और हम ड्रोन के माध्यम से हेपेटाइटिस सी की दवाएं एवं सैंपल्स ट्रांसपोर्टेशन में उपयोग कर रहे हैं। इस कार्यक्रम का उद्देश्य वायरल हेपेटाइटिस के लिए व्यापक सेवाएं, जैसे कि जांच और उपचार, प्रदान करना है। मौके पर डॉ. रोहित गुप्ता, डॉ. योगेन्द्र प्रताप मथुरिया, ड्रोन सेवाओं के कंसल्टेंट डॉ. जितेन्द्र गैरोला, एसोसिएट कंसल्टेंट डॉ. हरदीप मनहास, तकनीकी अधिकारी पंकज ठाकुर आदि उपस्थित रहे।

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