देहरादून: तुर्किये और सीरिया में 6 फरवरी को एक विनाशकारी भूकंप आया, जिसमें अभी तक 25000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। सिर्फ़ तुर्किये में अभी तक 21848 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। साथ ही 80000 से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं। आपदा के दौरान हर बार की तरह इस बार भी भारत सरकार अन्य राष्ट्रों को मदद पहुंचाने में आगे रही है। तुर्किये में भूकंप पीड़ितों की मदद के लिए भारत सरकार ने “ऑपरेशन दोस्त” शुरू किया है। जिसमें भारतीय जवान, चिकित्सक और अन्य कर्मचारी भी वहां मदद के लिए भेजे गए हैं। इनमें देहरादून की 28 वर्षीय मेजर और डॉ बीना तिवारी बतौर चिकित्सक के रूप में शामिल हैं। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के राघव विहार में रहने वाली बीना मूल रूप से चम्पावत जिले के लोहाघाट के सुई खेंस कान्डे गांव की निवासी हैं। वह सेना में अफसर बनने वाली परिवार की तीसरी पीढ़ी हैं। उनके दादा खिलानंद तिवारी कुमाऊं रेजीमेंट में सूबेदार और पिता मोहन चंद्र तिवारी 16 कुमाऊँ रेजीमेंट में सूबेदार मेजर रहे हैं। बीना ने अपनी दसवीं की पढ़ाई देहरादून के क्लेमेनटाउन स्थित आर्मी पब्लिक स्कूल से पूरी की है। 16 पैराफील्ड रेजीमेंट के हॉस्पिटल की मेजर डॉ. बीना तिवारी ने दिल्ली के आर्मी इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस से एमबीबीएस पास किया है। डॉ बीना तुर्किये में भूकंप पीड़ितों की सहायता कर उनका दर्द बांट रही हैं। उनकी कुछ फोटो इंटरनेट मीडिया पर भी वायरल हो रही है। जिसमें वह भूकंप पीड़ितों की मदद करते हुए नजर आ रहीं हैं। जिसको लोग खूब सराह रहे हैं।