देहरादून: चिकित्सकों को यूं ही भगवान का दर्जा नहीं दिया गया है। सच माने तो इस धरती पर वह भगवान का रूप ही हैं, जो किसी की जिंदगी बचाकर वह उसे नई जिंदगी प्रदान करते हैं। उत्तराखंड के सबसे बड़े सरकारी अस्पतालों में से एक दून अस्पताल ( दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय) के चिकित्सकों ने गर्भवती महिला की जटिल हार्ट सर्जरी कर एक साथ दो जान बचाई है। दावा किया जा रहा है कि यह उत्तराखंड में इस तरह का पहला मामला है। गर्भवती महिला की हार्ट सर्जरी के चार घंटे बाद उसकी सिजेरियन डिलीवरी की गई।
बता दें कि, आठ माह की गर्भवती एक महिला की सांस फूलने पर उन्हें दून अस्पताल में भर्ती कराया गया। कार्डियोलाजिस्ट ने जांच कर उनके वाल्व में सिकुड़न बताई। इस बीमारी को सीवियर माइट्रल स्टेनोसिस कहा जाता है। इस बीमारी का गर्भावस्था में इलाज काफी जोखिमभरा होता है।
ऐसे में बलून विधि से या ओपन हार्ट सर्जरी से उपचार किया जाता है। स्त्री रोग विशेषज्ञ की सलाह के बाद सफलतापूर्वक बलून माइट्रल वाल्वोटामी आपरेशन किया गया।
महिला को तुरंत आराम आया और चार घंटे बाद सिजेरियन किया गया। कार्डियोलाजिस्ट डा. अमर उपाध्याय ने बताया कि गर्भावस्था की वजह से हार्ट की फ्लोरोस्कोपिक एनाटामी में काफी बदलाव आ जाता है। प्रक्रिया जल्दी करनी पड़ती है, ताकि गर्भवती पर फिजियोलाजिकल स्ट्रेस और बच्चे पर विकिरण का प्रभाव कम पड़े।
दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डा. आशुतोष सयाना, चिकित्सा अधीक्षक डा. अनुराग अग्रवाल व उप चिकित्सा अधीक्षक डा. धनंजय डोभाल ने चिकित्सक व सहयोगी स्टाफ को बधाई दी है।