सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी छोड़ साइबर ठग गैंग का मास्टरमाइंड बन गया दीपक राज, कमाई इतनी की चौंक जाएंगे आप

एसटीएफ के एसएसपी आयुष अग्रवाल मामले की जानकारी देते हुए। उनके पीछे मास्क लगाए खड़ा ठग गिरोह का मास्टरमाइंड आरोपी। फोटो साभार पुलिस

 देहरादून: मुद्रा लोन के नाम पर देशभर में लोगों ठगने वाले साइबर ठग गिरोह के मास्टरमाइंड को उत्तराखंड पुलिस की एसटीएफ टीम ने उत्तर प्रदेश के वृंदावन से गिरफ्तार किया है। आरोपी का नाम दीपक राज शर्मा है और वह उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर का रहने वाला है। वह पूर्व में देहरादून में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करता था, लेकिन बाद में ठगी करने लगा। उसने अपना गिरोह तक बना लिया। बताया जा रहा है कि ठगी से वह एक सप्ताह में 6 से 7 लाख रुपए कमाता था। इसमें से 50 प्रतिशत हिस्सा उसका अपना था और बाकी टीम को देता था।

एसटीएफ के एसएसपी आयुष अग्रवाल ने बताया कि बीते दिनों एसटीएफ ने प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना के नाम पर प्रेमनगर क्षेत्र से साइबर ठगी करने वाले दो ठगों को गिरफ्तार किया था। यह गिरोह देशभर में सैकड़ों लोगों से ठगी कर चुका है।

 गिरोह का मास्टरमाइंड दीपक राज शर्मा फरार चल रहा था, उसकी तलाश में एसटीएफ जगह-जगह दबिश दे रही थी। शनिवार को एसटीएफ टीम को सूचना मिली कि दीपक राज वृंदावन में है, इस पर टीम वहां गई और उसे दबोच लिया। उसके पास से 13 मोबाइल, सात बैंक के एटीएम कार्ड, सात सिम कार्ड, आधार कार्ड और लाखों रुपए के हिसाब किताब की 10 डायरियां बरामद हुई है। इस दौरान सामने आया कि ठगी की रकम से उसने प्रेमनगर और सुद्धोवाला में दो प्लाट खरीदे। इसके अलावा लाखों रुपए की तीन कमेटियां की। प्रेमनगर क्षेत्र में उसकी एक गारमेंड्स की दुकान है। अब वह प्लाट पर हॉस्टल बनाने जा रहा था। उसके खिलाफ ठगी के अभी तक तीन मामले दर्ज हैं और वह पूर्व में जेल भी जा चुका है। सुरक्षा गार्ड की नौकरी छोड़ने के बाद उसने फर्जी कॉल सेंटर में काम किया। यहीं से वह ठगी करना सीखा और इसके बाद अपना भी फर्जी कॉल सेंटर खोल लिया, यहां से ठगी करवाता था। पुलिस ने दोनों बार उसे पकड़ लिया था।

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