देहरादून: साइबर ठगों ने ठगी का एक और नया तरीका निकाला है। वह अब एम2एम सिम के जरिए ठगी कर रहे हैं। इसमें बिना मोबाइल फोन के भी सिम का उपयोग किया जा सकता है। वर्तमान में सीसीटीवी कैमरे, विद्युत मीटर, पीओएस मशीन, आधुनिक वाहनों समेत कई उपकरणों में एम2एम सिम का ही प्रयोग किया जाता है। रोबोटिक्स, यातायात नियंत्रण, बेड़े प्रबंधन समेत रिमोट कंट्रोल आदि क्षेत्रों में भी यही सिम प्रयोग किया जाता है। इसकी मदद से शेयर बाजार में ट्रेडिंग के नाम पर निवेश का झांसा देकर अंतरराष्ट्रीय गिरोह ने करोड़ों की ठगी की है। गिरोह के सरगना को उत्तराखंड पुलिस की एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने दिल्ली के चांदनी महल क्षेत्र से गिरफ्तार किया है। पूछताछ में उसने कई खुलासे लिए हैं। वह महज हाईस्कूल पास है। वह पूर्व में एक सीसीटीवी कंपनी के लिए काम करता था। वहीं से उसे एम2एम सिम कार्ड के उपयोग का तरीका पता चला। एसटीएफ के अनुसार, गिरोह ने फर्जी कंपनी बनाई और एयरटेल व वोडफोन के 45 हजार सिम कार्ड खरीदे थे। आरोपित ने शेयर बाजार में निवेश के नाम पर वाट्सएप, फेसबुक में ग्रुप बनाए हुए थे, जिसमें देशभर के लोगों को जोड़कर ठगा जा रहा था। उसने देहरादून निवासी एक व्यक्ति से भी 80 लाख रुपये ठगे थे। एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल ने बताया कि कुछ दिन पूर्व साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में देहरादून निवासी व्यक्ति ने ठगी की शिकायत दर्ज कराई। शिकायतकर्ता ने बताया कि फेसबुक में एक पोस्ट देखकर वह वाट्सएप ग्रुप (टी रोव प्राइस स्टाक पुल अप ग्रुप ए-82) से जुड़े। उसमें स्टाक ट्रेडिंग के बारे में जानकारी दी जा रही थी। एक व्यक्ति ने उन्हें फोन किया और खुद को इंदिरा सिक्योरिटीज कंपनी का कर्मचारी बताकर ट्रेडिंग के लिए खाता खुलवाने की बात कही। हामी भरने पर उन्हें इंदिरा कस्टमर केयर ए-303 नाम के वाट्सएप ग्रुप में भी जोड़ा गया और लिंक भेजा गया, जिस पर स्टाक निवेश के नाम पर अलग-अलग दिन में कुल 80 लाख रुपये आनलाइन जमा कराए गए। फिर उनसे संपर्क बंद कर दिया। एसटीएफ ने निरीक्षक विकास भारद्वाज को विवेचना सौंपी।
एसटीएफ ने जांच में पाया कि जिन नंबरों से शिकायतकर्ता को वाट्सएप कालिंग व मैसेज किए गए थे, वह जीनो टेक्नोलाजी के नाम से मुदस्सिर मिर्जा निवासी तुर्कमान गेट, चांदनी महल (दिल्ली) के नाम पर लिए गए थे। एसटीएफ ने मंगलवार रात मुदस्सिर मिर्जा को चांदनी महल क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से 3,000 सिम कार्ड भी बरामद किए गए। एसटीएफ के अनुसार, मुदस्सिर ही गिरोह का सरगना है और उसके तार कई राज्यों से जुड़े हैं। उसने फर्जी कंपनी बना कारपोरेट आइडी के नाम पर मशीन-टू-मशीन (एम2एम) सिम कार्ड खरीदे। मुंबई के बोरीवली में उसने कंपनी के नाम पर किराये पर कार्यालय लिया और 45 हजार सिम कार्ड खरीदे। ये सिम कार्ड उसने देशभर में गिरोह से जुड़े एजेंटों को भेजे।