
उन्होंने डीएम से गुहार लगाते हुए का कि उनके पति स्व0 विकास कुमार द्वारा 6.50 लाख का बैंक से ऋण लिया था तथा बैंक के अनुरोध पर ऋण का भी बीमा भी करवाया था। बीमा कम्पनी द्वारा ऋण का बीमा करते समय सभी मानकों /जांच जिसमें शारीरिक तथा अन्य समस्त जांच की औपचारिकताएं पूर्ण करते हुए ऋण का बीमा किया गया तथा प्रीमियम शुल्क काटते हुए ऋण भुगतान उनके पति को किया गया।
