देहरादून: हल्द्वानी में बनभूलपुरा उपद्रव का मुख्य साजिशकर्ता अब्दुल मलिक गिरफ्तार हो गया है। स्पेशल आपरेशन ग्रुप (एसओजी) व पुलिस ने उसे दिल्ली से दबोचकर देर रात कोर्ट में पेश किया। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अभिनव कुमार ने पुलिस टीम को 50 हजार व उप महानिरीक्षक (डीआईजी) डा. योगेंद्र रावत ने पांच हजार तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) प्रह्लाद नारायण मीणा ने ढाई हजार रुपये इनाम देने की घोषणा की है।
शनिवार को पुलिस बहुउद्देश्यीय भवन में एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा ने बताया कि आठ फरवरी को पुलिस, प्रशासन व नगर निगम की टीम बनभूलपुरा में सरकारी जमीन(नजूल) पर बने मदरसा व नमाज स्थल को ध्वस्त करने गई थी। इस बीच मुस्लिम समुदाय के सैकड़ों लोगों ने टीम पर पथराव व आगजनी की। थाने को पेट्रोल बम से फूंक दिया था। उपद्रव में पांच लोगों की मौत हुई। कर्फ्यू लगा। हल्द्वानी के लोगों को भी उपद्रव का खामियाजा भुगतना पड़ा। एसएसपी के अनुसार पूरे उपद्रव का मुख्य साजिशकर्ता मलिक ही था। क्योंकि सरकारी जमीन पर उसी का कब्जा था।
घटना के बाद से शुक्रवार तक 78 लोगों को गिरफ्तार कर लिया था। मलिक समेत तीन वांटेड की तलाश थी। शनिवार को मुखबिर की सूचना पर एसओजी व पुलिस ने दिल्ली में दबिश दी और अब्दुल मलिक को गिरफ्तार किया। दोपहर बाद उसे हल्द्वानी लाया गया और शाम तक पूछताछ के बाद कोर्ट में पेश किया गया। पूरे प्रकरण में पुलिस अब तक 82 उपद्रवियों को गिरफ्तार कर चुकी है। अब्दुल मलिक का बेटा अब्दुल मोईद अभी भी फरार है।
मलिक ने कई राज्यों में ली थी शरण, संपत्ति हो चुकी कुर्क
एसएसपी के अनुसार बवाल के बाद मलिक दिल्ली, गुजरात, मुंबई व भोपाल पहुंच गया था। पुलिस शरण देने वालों की भी जांच कर रही है। वहीं अब तक पुलिस मलिक व उसके बेटे के संपत्ति की भी कुर्की कर चुकी है। नगर निगम ने क्षतिपूर्ति के लिए 2.44 करोड़ रुपये का नोटिस भेजा था। जवाब नहीं मिलने के बाद तहसील से भी रिकवरी नोटिस जारी हो गया है।
दत्तू समेत तीन और गिरफ्तार
उपद्रव मामले में पुलिस ने शुक्रवार को इंदिरानगर, बनभूलपुरा निवासी वांटेड रईस उर्फ दत्तू को भी गिरफ्तार कर लिया था। वहीं शनिवार को लाइन नंबर आठ आजादनगर निवासी मो. फुरकान व नई बस्ती ठोकर, गोपाल मंदिर के पास निवासी सालिम को गिरफ्तार किया। फुरकान व सालिम पर बनभूलपुरा में बवाल के दौरान मुखानी थानाध्यक्ष की कार फूंकने का आरोप है। पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
जमीन पर अस्थायी चौकी
मलिक का बगीचा नाम की एक एकड़ सरकारी जमीन पर मदरसा व नमाज स्थल पूरी तरह से हटा दिया है। जमीन को अतिक्रमण से मुक्त करने के बाद प्रशासन ने उस जगह पर अस्थायी पुलिस चौकी बना दी है। साथ ही श्रमिकों के बच्चों की पढ़ाई के लिए मुस्कान केंद्र व डे केयर सेंटर खोलने की तैयारी शुरू हो गई है।को स्पेशल आपरेशन ग्रुप (एसओजी) व पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने उसे पकड़ने वाली पुलिस टीम को 50 हजार व उप महानिरीक्षक डा. योगेंद्र रावत ने पांच हजार तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रह्लाद नारायण मीणा ने ढाई हजार रुपये इनाम देने की घोषणा की है।
एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा ने बताया कि आठ फरवरी को पुलिस, प्रशासन व नगर निगम की टीम बनभूलपुरा में सरकारी जमीन पर बने मदरसा व नमाज स्थल को ध्वस्त करने गई थी। इस बीच मुस्लिम समुदाय के सैकड़ों लोगों ने टीम पर पथराव व आगजनी की। थाने को पेट्रोल बम से फूंक दिया था। उपद्रव में पांच लोगों की मौत हुई। इस प्रकरण में हल्द्वानी के लोगों को भी उपद्रव का खामियाजा भुगतना पड़ा। एसएसपी के बताया कि उपद्रव का मुख्य साजिशकर्ता मलिक ही था, क्योंकि सरकारी जमीन पर उसी का कब्जा था। मलिक समेत तीन वांटेड की तलाश थी। शनिवार को मुखबिर की सूचना पर एसओजी व पुलिस ने दिल्ली में दबिश दी और अब्दुल मलिक को गिरफ्तार किया। प्रकरण में पुलिस अब तक 82 उपद्रवियों को गिरफ्तार कर चुकी है। अब्दुल मलिक का बेटा अब्दुल मोईद फरार है।
पुलिस से बच्चे को बदलता रहा ठिकाने :-
एसएसपी के अनुसार बवाल के बाद मलिक दिल्ली, गुजरात, मुंबई व भोपाल पहुंच गया था। पुलिस शरण देने वालों की भी जांच कर रही है। अब तक पुलिस मलिक व उसके बेटे के संपत्ति की भी कुर्की कर चुकी है। नगर निगम ने क्षतिपूर्ति के लिए 2.44 करोड़ रुपये का नोटिस भेजा था। जवाब नहीं मिलने के बाद तहसील से भी रिकवरी नोटिस जारी हो गया है।
दत्तू समेत तीन और आरपी पकड़े
पुलिस ने शुक्रवार को इंदिरानगर, बनभूलपुरा निवासी वांटेड रईस उर्फ दत्तू को भी गिरफ्तार कर लिया था। वहीं शनिवार को लाइन नंबर आठ आजादनगर निवासी मो. फुरकान व नई बस्ती ठोकर, गोपाल मंदिर के पास निवासी सालिम को गिरफ्तार किया। फुरकान व सालिम पर बवाल के दौरान मुखानी थानाध्यक्ष की कार फूंकने का आरोप है। पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।