देहरादून स्थित तस्मिया अकादमी में अहल-ए-सुख़न द्वारा किया गया आयोजन देहरादून। देहरादून स्थित तस्मिया अकादमी निकट द्वारिका स्टोर में बीते रविवार को अहल-ए-सुख़न द्वारा युवा कवि सम्मेलन आयोजित किया गया। जिसमें युवा शायरों और कवियों ने अपनी प्रस्तुति से समा बांध दिया।
अहल-ए-सुख़न के द्वारा पिछले डेढ़ साल में यह 10वाँ युवा कवि सम्मेलन था। साथ ही अहल-ए-सुख़न द्वारा दो मुशायरे कवि सम्मेलन भी कराए गए हैं जिसमें देश-विदेश के नामचीन शायर चराग़ शर्मा भी शिरकत कर चुके हैं रविवार को आयोजित यह कार्यक्रम अहल-ए-सुख़न के द्वारा आयोजित किया गया था जिसका उद्देश्य युवा कवि एवं शायरों को प्रोत्साहन करना है। अहल-ए-सुख़न के संस्थापक राज कुमार ‘राज’ ने कहा कि शायरी और कविता साहित्य में सबसे ऊपर दर्जा रखती है इसलिए जितने भी युवा शायर व कवि हैं उनका मनोबल बढ़ाना उनको प्रोत्साहित करना बहुत ज़रूरी है। साथ ही महफ़िल के मुख्य अतिथि चर्चित शायर इम्तियाज़ अकबराबादी जी ने सभी प्रतिभागियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि सभी प्रतिभागियों के ख़्याल बहुत अच्छे हैं एवं बहुत ही अच्छा लिख रहे हैं। साथ ही सभी प्रतिभागियों को बताया कि शायरी व कविता की बहुत सारी सीमाएं हैं जिनको सीखना बहुत ज़रूरी है। इम्तियाज़ जी ने सभी प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया एवं अथिति तसनीमा जी ने सभी प्रतिभागियों को सम्मानित करते हुए सभी को बधाइयां दी एवं अपने लेखन में सुधार करने के बारे में बताया।
महफ़िल में ए. एस. शाह, अ ज्ञानी, मानसी, कृष्णा पंत, नीलेश शर्मा के साथ 25 लोगों ने प्रतिभाग किया।जिसमें वृंदा, मानसी गैरोला, भावना ओझा, आदित्या राणा, अनिल मानस ने सबसे अच्छे प्रदर्शन का ख़िताब जीता।
अहल-ए-सुख़न के संस्थापक राज कुमार ‘राज’ जी ने आने वाले कुछ समय में शायरी व कविता की बारीकियों को सिखाने के लिए एक वर्कशॉप का प्रस्ताव को स्वीकार किया। अहल-ए-सुख़न के संस्थापक राज कुमार ‘राज’ ने अपनी टीम के सदस्य गौरव ‘सारथी’, अविरल, हरेन्द्र ‘माँझा’,अनहद व अमन रतूड़ी को इस सफल आयोजन का श्रेय दिया।