Slot Deposit 1000 slot 1000 togel online slot toto toto slot mahjong ways agen gacor toto slot gacor agen gacor situs toto Sv388 slot pulsa agen slot apo388 sv388
अहल-ए-सुख़न के बैनर तले सजी शायरी की महफिल, शायरों और फनकारों ने समां बांधा - मोनाल एक्सप्रेस

अहल-ए-सुख़न के बैनर तले सजी शायरी की महफिल, शायरों और फनकारों ने समां बांधा

देहरादून : 10 नवंबर को तस्मिया अकादमी, देहरादून में अहल-ए-सुख़न के द्वारा एक शायरी की महफ़िल का आयोजन किया गया।

महफ़िल का आग़ाज़ बहुचर्चित शायर प्रवेश ग़ाज़ी जी के द्वारा किया गया। महफ़िल में जाने माने शायर फ़ेमस ख़तौलवी जी भी उपस्थित रहे उन्होंने अपनी शायरी से सभी को मंत्रमुग्ध किया। महफ़िल में प्रवेश ग़ाज़ी ने – मैं ख़ुद से दूर होता जा रहा हूँ

तेरे नज़दीक आना चाहता हूँ एवं अहल-ए-सुख़न मंच के संस्थापक राज कुमार ‘राज’ ने – शजर को इसलिए साँपों ने घेरा

कि उस पे था परिंदों का बसेरा के साथ अपनी रचनाओं से सभी श्रोताओं का मन मोह लिया।

महफ़िल में ए एस शाह, मंजू नेगी जी के साथ साथ 15 अन्य शायर व कवियों ने अपनी प्रस्तुति दी।

अहल-ए-सुख़न मंच देहरादून व आसपास के इलाक़ों के युवा शायर व कवियों का प्रोत्साहन बढ़ाने के लिए कार्य कर रहा है ताकि युवा लेखकों को हौसला मिल सके।

अहल-ए-सुख़न मंच के संस्थापक राज कुमार ‘राज’ ने इस सफल कार्यक्रम का श्रेय अपने मंच के सभी सदस्यों ( हरेन्द्र ‘माॅंझा’, अनहद, अमन रतूड़ी, अविरल ‘माज़ी’ व गौरव ‘सारथी’) को दिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *