देहरादून : देहरादून के एक बुजुर्ग के साथ साइबर ठगों ने आवाज बदलकर 6 लाख की ठगी कर दी। साइबर ठग ने कहा कि वह उनका भतीजा है, जो इस समय न्यूजीलैंड में है। ठग ने कहा कि चाचा मैं आपके खाते में साढ़े 9 लाख भेज रहा हूं। आपको एक खाता नंबर भेज रहा हूं इन साढ़े 9 लाख में से छह लाख उसपे डाल देना। मेरे खाते से उस खाते पर पैसे नहीं जा रहे हैं। उसने करतार सिंह को साढ़े नौ लाख भेजने का फर्जी मैसेज भी भेजा, ताकि उसे लगे कि उसके खाते में साढ़े नौ लाख आ चुके हैं। इस पर करतार सिंह ने 6 लाख दिए गए खाते पर डाल दिए। शाम को जब करतार सिंह ने न्यूजीलैंड में रह रहे अपने भतीजे को फोन किया तो उन्हें इस ठगी का पता चला। भजीते ने कहा कि उनकी तो इस संबंध में बात हुई नहीं है। करतार सिंह ने मामले में पतेलनगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया है। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से साइबर ठगी :- साइबर ठगों ने साइबर फ्रॉड (ठगी) का अब एक और तरीका निकाला है। अब वह आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से किसी की भी आवाज में बात कर लोगों को ठग रहे हैं। इसमें साइबर ठग किसी की भी तीन से पांच सेकेंड की आवाज से वॉयस क्लोनिंग कर सकते हैं। साइबर क्रिमिनल फेसबुक, इंस्टाग्राम या यूट्यूब पर सर्च कर लोगों की आवाज का सैंपल ले लेते हैं। इसके बाद वायस क्लोन कर उनके परिचित, रिश्तेदारों को फोन किया जाता है। अलग अलग बहाने बनाकर रुपए मांगे जाते हैं। आवाज की क्लोनिंग ऐसी होती है कि पति-पत्नी, पिता बेटे तक आवाज नहीं पहचान पा रहे हैं। इस ठगी से बचने के तरीके रुपयों की मदद के लिए रिश्तेदार या दोस्त का फोन आए तो सबसे पहले पता कर लें कि यह वही है कि नहीं। केवल आवाज पहचानकर रुपए खाते में न डालें।
ठगी से बचाव के लिए करें यह उपाय:-
@ अलग-अलग अकाउंट का अलग-अलग पासवर्ड रखें, एक-जैसे पासवर्ड बनाने से बचें।
@ साइबर फ्रॉड के शिकार होने पर हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत करें।