सीएम तथा विभागीय मंत्री के आश्वासन पर उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायत संगठन ने विधान सभा घेराव स्थगित किया

 

देहरादून : उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायत संगठन ने प्रदेश के मुख्यमंत्री तथा पंचायतीराज मंत्री द्वारा लगातार दिए जा रहे आश्वासन के बाद 6 फरवरी को विधानसभा घेराव का कार्यक्रम स्थगित कर दिया है।अपनी मांग के समर्थन में अन्य कार्यक्रमों की भी घोषणा की। संगठन विधानसभा सत्र में सरकार के जवाब का भी इंतजार कर रही है। घेराव कार्यक्रम स्थगित होने पर सरकार ने राहत की सांस ली है।

संगठन के राज्य संचालन समिति के सदस्य कार्यक्रम संयोजक जगत मर्तोलिया, जिला पंचायत अध्यक्ष संगठन की प्रदेश अध्यक्ष सोना सजवाण, जिला पंचायत सदस्य संगठन की प्रदेश अध्यक्ष डॉ प्रदीप भट्ट, क्षेत्र प्रमुख संगठन के प्रदेश अध्यक्ष डॉ दर्शन सिंह दानू, ग्राम प्रधान संगठन के प्रदेश अध्यक्ष भास्कर सम्मल ने बताया कि प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री तथा पंचायती राजमंत्री की ओर से मिले आश्वासन के बाद विधानसभा घेराव का कार्यक्रम इस सत्र के लिए स्थगित कर दिया गया है।

उन्होंने बताया कि उत्तराखंड के 70 विधायकों से त्रिस्तरीय पंचायतों का कार्यकाल 2 वर्ष बढ़ाए जाने की मांग को लेकर समर्थन पत्र मुख्यमंत्री जी के लिए लिखवाया जा रहा है।

इसी क्रम में 7 फरवरी 2024 को संगठन के सभी महत्वपूर्ण लोग देहरादून में जमा होकर उत्तराखंड के समस्त विधायकों का समर्थन हासिल करेंगे।

उन्होंने बताया कि मांग के समर्थन में शीघ्र ही देहरादून में अनिश्चितकालीन धरना प्रारंभ किया जाएगा। इस धरने के समर्थन में उत्तराखंड की 12 जनपदों में महारैली आयोजित की जाएगी।

इसकी तिथि विधानसभा सत्र के बाद घोषित की जाएगी। विधानसभा सत्र में सरकार क्या-क्या रुख रहता है, इस पर संगठन नजर रख रहा है।

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के बजट सत्र से पूर्व सरकार को 2 वर्ष का कार्यकाल बढ़ाए जाने के मामले में अपना निर्णय राज्य की जनता के सम्मुख रखना चाहिए।

इसके लिए संगठन सरकार के साथ वार्ता तथा दबाव दोनों माध्यमों से अपना पक्ष रहेगी।

उन्होंने कहा कि एक सूत्री मांग को लेकर उत्तराखंड में पहली बार त्रिस्तरीय पंचायतों का ऐतिहासिक आंदोलन हो रहा है।

उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि उत्तराखंड में पंचायत के भीतर तक अगर किसी का नेटवर्क है, तो वह यही संगठन है। इसलिए सरकार को तत्काल जन हित एवं पंचायत को सशक्त बनाने जाने के लिए 2 वर्ष का कार्यकाल बढ़ाने के लिए स्वयं आगे आना चाहिए।

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