देहरादून: चम्पावत जिले के बनबसा थाने ने देश के सर्वश्रेष्ठ तीन थानों में जगह बनाई है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय कृषि विज्ञान परिसर नई दिल्ली में शुरू हुए DGsP/IGsP सम्मेलन के दौरान बनबसा थाने को सम्मानित किया। थानाध्यक्ष बनबसा उपनिरीक्षक लक्ष्मण सिहं को केंद्रीय गृह मंत्री से प्रशंसा प्रमाण पत्र के साथ प्रतिष्ठित पुरस्कार मिला है।
प्रदेश के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार भी DGsP/IGsP सम्मेलन- 2022 में प्रतिभाग कर रहे हैं। पुलिस थानों की वर्ष 2022 की वार्षिक रैंकिंग में बनबसा पुलिस स्टेशन को देश के सर्वोत्तम तीन थानों में स्थान मिला। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समस्त उत्तराखण्ड पुलिस परिवार को शुभकामनाएं देते हुए कहा है कि यह उपलब्धि प्रदेश में सुशासन एवं सुदृढ़ कानून व्यवस्था की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे सभी पुलिसकर्मियों की कर्तव्यनिष्ठा का प्रतिफल है।
पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड ने पुलिस अधीक्षक, चम्पावत सहित बनबसा थाने के समस्त कर्मियों को इस उपलब्धी के लिए बधाई दी है। उन्होंने कहा कि देश में 16 हजार पुलिस स्टेशन हैं और उनमें से सर्वश्रेष्ठ तीन पुलिस स्टेशनों में जगह बनाना गौरव की बात है। यह पहली बार है कि उत्तराखण्ड के किसी पुलिस स्टेशन ने टॉप तीन में जगह बनाई है। इससे पहले देश के टॉप 10 थानों की श्रेणी में वर्ष 2017 में थाना बनभूलपुरा और ऋषिकेश को लिस्ट में 6 व 8 वें स्थान पर और वर्ष 2018 में थाना मुनस्यारी को 9 वें स्थान पर जगह मिली थी।
पुलिस स्टेशनों की रैंकिंग गृह मंत्रालय की ओर से एक वार्षिक अभ्यास है। देश के टॉप थानों की श्रेणी में स्थान पाने के लिए कुछ मानक तय किए जाते हैं। पुलिस स्टेशनों को 165 विभिन्न मापदंडों जैसे अपराध नियंत्रण, अपराध दर, जांच व मामलों के निपटान, बुनियादी ढांचे और सार्वजनिक सेवा के वितरण के आधार पर आंका जाता है। इन तमाम बिंदुओं में से लगभग 20 प्रतिशत नागरिकों से थाने के मिले फीडबैक पर भी आधारित है।
सीनियर आईपीएस अशोक कुमार के डीजीपी बनने के बाद उत्तराखंड में बेहतर हुई पुलिसिंग
सीनियर आईपीएस अशोक कुमार जब से उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक बने हैं, तब से उत्तराखंड की कार्यप्रणाली में भी पहले से ज्यादा सुधार आया है। साथ ही राज्य में पहले के मुकाबले अपराध पर लगाम लगी है। आम नागरिकों का पुलिस पर विश्वास और ज्यादा बढ़ा है। कोई अपराध होने पर पुलिस तत्काल उस पर संज्ञान लेकर कार्रवाई शुरू करती है। डीजीपी ने सभी पुलिस कर्मचारियों को अपने फोन 24 घंटे खुले रखने के सख्त निर्देश दिए हैं। वह खुद भी फोन आने पर आमजन को त्वरित रिस्पांस देते हैं।