देहरादून : ऋषिकेश स्थित परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लखनऊ में मुलाकात की। स्वामी चिदानंद ने योगी को परमार्थ निकेतन में गंगा आरती में आमंत्रित किया।
उन्होंने उत्तरप्रदेश के पौराणिक और आध्यात्मिक तीर्थ नैमिषारण्य, गढ़मुक्तेश्वर और अयोध्या में रुद्राक्ष वन की स्थापना के लिए मुख्यमंत्री से चर्चा की।
स्वामी चिदानंद ने कहा कि पौराणिक साक्ष्यों और उल्लेखों के आधार पर गढ़ मुक्तेश्वर, नैमिषारण्य और अयोध्या का अद्भुत महत्व है। शिवपुराण के अनुसार गढ़मुक्तेश्वर का प्राचीन नाम शिववल्लभ हुआ करता था, अर्थात यह नाम भगवान शिव का एक प्रिय नाम है। पुराणों में गढ़ मुक्तेश्वर की महिमा काशी के समान ही बताई गई है। मार्कण्डेय पुराण में उल्लेख मिलता है कि नैमिषारण्य में 88,000 ऋषियों की तपस्थली थी। वेदव्यास जी के शिष्य सूत ने महाभारत तथा पुराणों की कथाएं ऋषियों को वहीं पर सुनाई थीं। ऋषि मनु व सतरूपा ने नैमिषारण्य में ही अनेक वर्षों तक साधना की थी और अयोध्या तो प्रभु श्री राम की जन्मभूमि हैं। इन पवित्र स्थानों पर रुद्राक्ष के पौधों का रोपण कर इन तीर्थों को स्वच्छ, जीवंत और जागृत रखा जा सकता हैं।
स्वामी चिदानंद सरस्वती ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को परमार्थ निकेतन गंगा आरती में सहभाग हेतु आमंत्रित करते हुये कहा कि परमार्थ निकेतन गंगा तट पर वर्ष 1997 से दिव्य आरती का क्रम आरम्भ किया था तब से अनवरत यह क्रम चल रहा है। स्वामी चिदानंद ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को रुद्राक्ष का पौधा भेंट कर उनका अभिनन्दन किया।