घोड़ासन गैंग (चादर गैंग) का इनामी बदमाश दिल्ली से गिरफ्तार, पढ़े चादर की आड़ में कैसे करते हैं चोरी

उत्तराखंड पुलिस की एसटीएफ की गिरफ्त में घोड़ासन गैंग का सदस्य (मास्क पहने हुए)। साभार- एसटीएफ

देहरादून: हरिद्वार जनपद के ज्वालापुर और ऊधमसिंह नगर जनपद के रुद्रपुर में लाखों के मोबाइल व इलेक्ट्रॉनिक उपकरण चोरी के प्रकरण में उत्तराखंड पुलिस की एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने घोड़ासन(चादर गैंग) के सदस्य को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। आरोपित की पहचान संतोष जायसवाल निवासी ग्राम घोड़ासन जिला चंपारण बिहार के रूप में हुई है। उसकी गिरफ्तारी के लिए सवा लाख का इनामी घोषित किया गया था। उत्तराखंड में चोरी करने के बाद गैंग के सदस्य नेपाल भाग जाते हैं और वहीं चोरी का सामान बेच देते थे। एसएसपी (एसटीएफ) आयुष अग्रवाल के मुताबिक, घोड़ासन(चादर गैंग) गैंग के सदस्यों ने ज्वालापुर में वर्ष 2018 में एप्पल मोबाइल शोरूम से लाखों के मोबाइल चोरी किए थे। तब से संतोष व गैंग के अन्य सदस्य फरार थे। इसी गैंग ने वर्ष 2019 में ऊधमसिंह नगर रुद्रपुर में मोबाइल शोरूम से लाखों के मोबाइल चोरी किए थे। इसमें पकड़ा गया आरोपी भी शामिल था। हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर जिलों की पुलिस आरोपियों की तलाश में दबिश दे रही थी। चादर की आड़ में करते हैं चोरी
घोड़ासन या चादर गैंग खानाबदोश जिंदगी जीता है। चोरी करने को यह गैंग ब्रान्डेड मोबइल फोन व इलेक्ट्रानिक गैजेट्स की कम्पनी के शोरूम को चिन्हित करते हैं। इसके बाद रात को उस शोरूम के बाहर चादर ओढ़कर सो जाते हैं। फिर देर रात मौका पाकर शोरूम के आगे चादर लगाकर गिरोह के सदस्य खड़े होते हैं और इसकी आड़ में कुछ सदस्य शोरूम का शटर उठाकर या काटकर अन्दर घुस जाता है और फिर वहां से लाखों रूपये के कीमती मोबाइल फोन, लैपटॉप आदि मंहगे गैजेट्स को चोरी कर फरार हो जाते हैं। इसके बाद के मोबाइल फोन व अन्य कीमती इलेक्ट्रानिक उपकरण नेपाल जाकर बेच देते हैं, जिससे वे सर्विलान्स से ट्रैक नहीं हो पाते हैं। गिरोह के सदस्यों का कोई एक जगह ठिकाना नहीं रहता हैं, जिस कारण से उन्हें पकड़ पाना मुश्किल होता है।

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