देहरादून, 17 सितम्बर। अतिवृष्टि से आई आपदा के बीच जिला प्रशासन ने पूरी रात जागकर रेस्क्यू अभियान चलाया। आपदा की सूचना मिलते ही जिलाधिकारी सविन बंसल और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक खुद ग्राउंड जीरो पर डटे रहे। दोनों अधिकारी करीब 8 किमी पैदल चलकर कार्लीगाड गांव पहुंचे और 24 घंटे से फंसे 70 लोगों को फोर्स की मदद से सुरक्षित बाहर निकाला।
पूरी रात नहीं सोया प्रशासनिक अमला
15 सितम्बर की रात को अतिवृष्टि की चेतावनी के चलते प्रशासन अलर्ट मोड पर रहा। सूचना मिलते ही आईआरएस सिस्टम से जुड़े अधिकारी-कर्मचारी और फोर्स उपकरणों के साथ आपदा स्थल के लिए रवाना हो गए। जिलाधिकारी लगातार कंट्रोल रूम से राहत-बचाव कार्यों की मॉनिटरिंग करते रहे और अधिकारियों को पल-पल दिशा-निर्देश देते रहे।
ग्राउंड जीरो पर डीएम-एसएसपी
एयरपोर्ट पर लोकसभा अध्यक्ष की प्रोटोकॉल ड्यूटी पूरी करने के बाद डीएम सीधे आपदा कंट्रोल रूम पहुंचे और रेस्क्यू ऑपरेशन का समन्वय किया। इसके बाद वे एसएसपी के साथ सहस्त्रधारा से करीब 8 किमी पैदल चलकर मजाड़ और कार्लीगाड पहुंचे। यहां कटऑफ स्थिति में फंसे परिवारों का रेस्क्यू कराया गया।
राहत शिविर और किराए की मदद
जिलाधिकारी ने राहत शिविर में आपदा पीड़ितों से मुलाकात की और ढांढस बंधाया। प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने के लिए पांच होटल अधिग्रहित किए गए हैं। साथ ही प्रशासन ने घोषणा की कि यदि प्रभावित परिवार किराए पर शिफ्ट होना चाहें तो उन्हें तीन माह तक प्रति परिवार 4-4 हजार रुपये किराया दिया जाएगा।
“आपदा से लड़ना प्रशासन का दायित्व” : डीएम
डीएम सविन बंसल ने कहा कि आपदा, मुसीबत या अनहोनी को न्यून करना जिला प्रशासन का दायित्व है और इसके लिए प्रशासन हरदम तैयार है। वहीं एसएसपी ने क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था और यातायात नियंत्रण के लिए पुलिस बल को आवश्यक निर्देश दिए।