देहरादून। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि भारतीय संस्कृति विश्व में सबसे भिन्न है। यह सदैव मानव कल्याण के बारे में सोचती है। यही कारण है कि भारत ने आज तक किसी देश पर आक्रामण के लिए पहल नहीं की। आज विश्व में युद्ध का दौर चल पड़ा है, लेकिन शांति का संदेश सिर्फ भारत के पास है। उन्होंने महाभारत-रामायण के कुछ प्रसंगों को सामने रखते हुए कहा कि भारत के पास यह उदाहरण है कि राम का राज्यभिषेक होते-होते वनवास हो जाता है, राम इसे सहजता से स्वीकार करते हैं। दुनिया के किसी दूसरे देश की बात होती, तो लड़ाई हो जाती। धर्म की बात बहुत होती है, लेकिन उसे आचरण में लाना आवश्यक है। उन्होंने यह बातें उन्होंने रविवार को दून विवि में आयोजित देवभूमि विकास संस्थान के दो दिवसीय गंगधारा-विचारों का अविरल प्रवाह कार्यक्रम के समापन पर बतौर मुख्य वक्ता के रूप में कहीं। छोटे से छोटे देश के पास भी परमाणु बम हैं, जो कभी भी तबाही मचा सकते हैं। मानव अधिकार को लेकर संयुक्त राष्ट्र में कानून तो बन गया, लेकिन कुछ देशों की आदतें नहीं बदली। भ्रष्टाचार और नशे की चेन तोड़ने की जरूरत : गुरमीत सिंह
व्याख्यानमाला में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए उत्तराखंड में राज्यपाल गुरमीत सिंह ने कहा कि भारत को साल 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य की ओर ध्यान आर्कषित करते हुए नागरिकों को अपने कर्तव्य और जिम्मेदारियों का ईमानदारी से निर्वहन करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि एआई और तकनीकी नवाचारों को अपनाकर हम अपने लक्ष्यों को तेजी से प्राप्त कर सकते हैं। राज्यपाल ने भ्रष्टाचार और नशे के खिलाफ सख्त कदम उठाने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि यह देश की प्रगति में बाधक हैं। इसकी चेन तोड़ने की आवश्यकता है।