– प्रत्येक साल 25 दिसम्बर को होगा डोभाल वंशजों का सम्मेलन – डोभाल वंशजों के तृतीय समागम में लिए गए कई अहम निर्णय
– टिहरी के जखंड और डोभालू की कोटी गांव में भूमि तलाशेंगे टिहरी बांध के विस्थापित डोभाल वंशज
देहरादून। डोभाल वंशजों का तृतीय समागम सुरकण्डासुरी मंदिर देहराखास में रविवार को धूमधाम से आयोजित किया गया। जिसमें देशभर के डोभाल वंशजों ने भाग लिया। इस दौरान 80 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों को सम्मानित भी किया गया। सम्मेलन का शुभारंभ यमुनोत्री के विधायक संजय डोभाल, सुशील चन्द्र डोभाल, स्वामी राम हिमालयन विवि जौलीग्रांट के कुलपति डॉ राजेन्द्र डोभाल, दून मेडिकल कॉलेज के चिकित्साधिकारी डॉ धनन्जय डोभाल, सीडीओ रुद्रपुर उधम सिंह नगर सुशील डोभाल, सेवानिवृत्त अपर पुलिस अधीक्षक विजेंद्र डोभाल ने दीप जलाकर किया। इस मौके बच्चों ने रंगारंग संस्कृति कार्यक्रमो की शानदार प्रस्तुतियां भी दी गईं। समागम में पहाड़ की संस्कृति के संरक्षण और संवर्द्धन पर चर्चा की। वक्ताओं ने युवाओं से अपनी जड़ों से जुड़े रहने और अपनी सभ्यता, रीति रिवाजों को नई पीढ़ी के बीच ले जाने का आह्वान किया। इस दौरान तय किया गया कि हर साल 25 दिसम्बर को डोभाल वंशजों का सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। वक्ताओं ने कहा कि डोभाल वंशज जो अपने गांवों से पलायन कर चुके हैं, वह अपने गांवों को आबाद करने लिए लिए अब फिर से कोशिश करें। टिहरी बांध के कारण डोभालवंशजों का पैतृक गांव गोरण 2003 में पूरी तरह से जलमग्न हो गया था। यहां के लोगों को देहरादून, भनियावाला समेत अन्य मैदानी जगहों में शिफ्ट किया गया, लेकिन अब ये लोग वापस पहाड़ में बसना चाहते हैं। जिसके लिए टिहरी गढ़वाल जिले के जखंड और कमांद के पास डोभालू की कोटी गांव में स्थानीय लोगों ने भूमि देने की बात कही है। इस मौके पर राजेंद्र दत्त, विजयानंद, अतुल, भगवती प्रसाद डोभाल, कुशलानंद डोभाल, ओमप्रकाश डोभाल, डॉ. भावना डोभाल, अजय, महेश्वर, हरि प्रसाद, अजय विहारी, विनेश, चंद्रमोहन, विपिन, अंशुल, मोहनलाल आदि मौजूद रहे।